नई दिल्ली, 10 जून। राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटें कांग्रेस ने जीत ली हैं जबकि एक सीट भाजपा के हिस्से में गई है। वहीं, भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा हार गए हैं। अरबपति मीडिया कारोबारी और एस्सेल ग्रुप के मालिक सुभाष चंद्रा फिलहाल
2023 के चुनाव में भी भाजपा को इसी तरह हार का सामना करना पड़ेगा – सीएम गहलोत
सुभाष चंद्रा की पराजय पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 2023 विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को इसी तरह हार का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘राजस्थान में तीन राज्यसभा सीटों पर कांग्रेस की विजय लोकतंत्र की जीत है। मैं तीनों नवनिर्वाचित सांसदों प्रमोद तिवारी, मुकुल वासनिक और रणदीप सुरजेवाला को बधाई देता हूं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि तीनों सांसद दिल्ली में राजस्थान के हक की मजबूती से पैरवी कर सकेंगे।’
यह शुरू से स्पष्ट था कि कांग्रेस के पास तीनों सीटों के लिए जरूरी बहुमत है। परन्तु भाजपा ने एक निर्दलीय को उतारकर हॉर्स ट्रेडिंग का प्रयास किया। हमारे विधायकों की एकजुटता ने इस प्रयास को करारा जवाब दिया है। 2023 विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को इसी तरह हार का सामना करना पड़ेगा।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 10, 2022
एक अन्य ट्वीट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिखा, ‘यह शुरू से स्पष्ट था कि कांग्रेस के पास तीनों सीटों के लिए जरूरी बहुमत है। लेकिन भाजपा ने एक निर्दलीय को उतारकर हॉर्स ट्रेडिंग का प्रयास किया। हमारे विधायकों की एकजुटता ने इस प्रयास को करारा जवाब दिया है। 2023 विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को इसी तरह हार का सामना करना पड़ेगा।’
गौरतलब है कि कांग्रेस के तीनों उम्मीदवारों – मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी ने जीत हासिल की है जबकि भाजपा के धनश्याम तिवारी को सफलता हाथ लगी है। लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतरे सुभाष चंद्रा को हार का सामना करना पड़ा।
प्रमोद तिवारी को 41, मुकुल वासनिक को 42, रणदीप सुरजेवाला को 43 और भाजपा के घनश्याम तिवारी को 43 वोट मिले जबकि सुभाष चंद्रा को केवल 30 वोट ही मिले। मुकुल वासनिक को एक और रणदीप सुरजेवाला को जीत के जरूरी लिए से दो ज्यादा वोट मिले हैं जबकि भाजपा के धनश्याम तिवारी को भी जीत के लिए जरूरी से दो वोट ज्यादा मिले हैं।