Site icon hindi.revoi.in

‘एक परिवार एक टिकट’ का फॉर्मूला लागू करेगी कांग्रेस, खुद गांधी परिवार से हो सकती है शुरुआत

Social Share

नई दिल्ली, 10 मई। कांग्रेस ने उदयपुर में चिंतन शिविर से पहले बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है। सोमवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में एक परिवार में एक ही व्यक्ति को टिकट देने, अहम पद पर रहने के बाद तीन साल कूलिंग ऑफ पीरियड होने और पैनलों में बड़ी संख्या को कम करने जैसे प्रस्तावों पर मुहर लगी है।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि हाईकमान को सुझाव दिया गया था कि प्रदेश अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष या राष्ट्रीय कार्यकारिणी शामिल नेताओं को एक कार्यकाल पूरा होने के बाद तीन सालों तक पद से दूर रखा जाना चाहिए। इस पर सहमति बन गई है। इसके अलावा एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट देने पर भी सहमति बनी है। पार्टी का मानना है कि इससे वह भाजपा की ओर से लगाए जा रहे परिवारवाद के आरोपों का जवाब दे सकेगी।

उदयपुर में 13 से 15 मई तक कांग्रेस का चिंतन शिविर होना है। इसमें इन सभी प्रस्तावों को पेश किया जाएगा। 2024 के आम चुनाव से पहले पार्टी उन सभी पेचों को कस लेना चाहती है, जहां कोई भी ढिलाई नजर आ रही है। इसी के तहत उसने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की है। इसके अलावा यूपी और बिहार जैसे राज्यों के लिए भी प्लानिंग करने में जुटी है। यही नहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर भी पार्टी की नजर है, जहां इसी साल के अंत तक चुनाव होने वाले हैं। इस चिंतन शिविर में 400 पार्टी नेता शामिल होंगे।

खुद गांधी परिवार पर भी लागू होगा एक टिकट का फैसला?

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद एक नेता ने कहा, ‘एक परिवार एक टिकट के प्रस्ताव पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका ऐलान करेंगे। यह भी ऐलान किया जा सकता है कि 2024 के आम चुनाव में परिवार का एक ही व्यक्ति लड़ेगा।’ इसके अलावा कांग्रेस में बदलाव की मांग करने वाले नेता संसदीय बोर्ड के भी पुनर्गठन की बात करते रहे हैं। राजनीतिक मामलों की समिति ने सुझाव दिया है कि पार्टी को देश भर में गठबंधन करने चाहिए। खासतौर पर लोकसभा चुनाव के लिए समान विचारधारा वाले दलों को साथ लेना चाहिए।

एमएसपी गारंटी कानून लाने का हो सकता है वादा

भूपिंदर सिंह हुड्डा की लीडरशिप में किसानों को लेकर बनी एक कमेटी ने भी अपनी सिफारिशें दी हैं। इनमें सबसे अहम सिफारिश यह है कि पार्टी ऐलान करे कि जब वह केंद्र की सत्ता में आएगी तो फिर किसानों के एमएसपी गारंटी का कानून बनाया जाएगा। इसके अलावा यह भी सुझाव दिया गया है कि एमएसपी से कम कीमत पर खुले बाजार में उत्पाद को खरीदने वाले लोगों को सजा दी जाएगी और ऐसा करना अपराध होगा।

Exit mobile version