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कांग्रेस ने कसा तंज – INS विक्रांत को कमीशन करने में 20-22 वर्ष लगे, लेकिन पीएम मोदी आज इसका श्रेय भी खुद ही लेंगे

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कोच्चि, 2 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के पहले स्वदेशी युद्धपोत INS विक्रांत को भारतीय नौसेना को समर्पित कर दिया। कांग्रेस ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया है, हालांकि इसके श्रेय को लेकर कांग्रेस ने पीएम पर निशाना भी साधा। कांग्रेस ने कहा कि INS विक्रांत को कमीशन होने में 22 साल लगे, लेकिन इसका श्रेय भी वह खुद ही लेंगे।

INS विक्रांत देश के लिए बड़ी उपलब्धि : जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह (INS विक्रांत) एक बड़ी उपलब्धि है, जिसकी शुरूआत 22 साल पहले हुई थी जिसमें वाजपेयी जी की सरकार, मनमोहन जी की सरकार और फिर मोदी जी की सरकार, सबको श्रेय मिलना चाहिए। लेकिन पीएम इसका श्रेय खुद लेंगे और कहेंगे कि जब मैं 2014 में आया उसके बाद इसकी शुरुआत हुई।

‘हमारे पीएम ने शासन में निरंतरता कभी स्वीकार नहीं की

जयराम रमेश ने कहा, ‘शासन में निरंतरता होती है, लेकिन हमारे पीएम ने कभी उसको स्वीकार नहीं किया। INS विक्रांत को कमीशन करने में 20-22 साल लगे हैं। अगर आप इसका इतिहास देखेंगे तो यह 1999 से शुरू होता है और कमीशन आज हुआ। लेकिन आज के प्रधानमंत्री इसका श्रेय खुद लेंगे।’

राहुल गांधी ने नौसेना को दी बधाई

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी आईएनएस विक्रांत के रूप में गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए भारतीय नौसेना को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘ भारतीय नौसेना, नौसेना डिजाइन ब्यूरो और कोचीन शिपयार्ड को बहुत-बहुत बधाई, जिनकी वर्षों की कड़ी मेहनत से आईएनएस विक्रांत का सपना साकार हुआ। भारत का पहला स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत, विक्रांत भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।’

इसके पूर्व दिन में आईएनएस को देश को समर्पित करते हुए पीएम ने कहा, ‘सेनाओं में किस तरह बदलाव आ रहा है, उसका एक पक्ष मैं देश के सामने रखना चाहता हूं। विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है।’

‘यह तैरता हुआ शहर है

पीएम मोदी ने कहा, ‘इस तरह के एयरक्राफ्ट कैरियर सिर्फ विकसित देश ही बनाते थे। आज इस लीग में शामिल होकर भारत ने विकसित राज्य की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है। यह युद्धपोत से ज्यादा तैरता हुआ एयरफील्ड है, यह तैरता हुआ शहर है। इसमें जितनी बिजली पैदा होती है, उससे 5,000 घरों को रौशन किया जा सकता है। इसका फ्लाइंग डेक भी दो फुटबॉल फील्ड से बड़ा है। इसमें जितने तार इस्तेमाल हुए हैं, वह कोचीन से काशी तक पहुंच सकते हैं।’ इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उनके साथ मौजूद रहे।

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