कोझिकोड, 7 जुलाई। कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि वह ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराने संबंधी फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज करने के गुजरात उच्च न्यायालय के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘हमारे सामने एक और विकल्प है… उच्चतम न्यायालय। चलिए देखते हैं। कांग्रेस पार्टी यह विकल्प भी अपनाएगी।’’ वह उत्तरी केरल के कोझिकोड जिले में पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
वेणुगोपाल के यह बयान देने से कुछ ही देर पहले गुजरात उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करने संबंधी उनकी याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि निचली अदालत का कांग्रेस नेता को दोषी ठहराने का आदेश ‘‘न्यायसंगत, उचित और वैध’’ है।
यदि दोषसिद्धि पर रोक लग जाती, तो इससे राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाता। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी।
फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी कि ‘‘सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है?’’ इस टिप्पणी को लेकर विधायक ने गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था।