नई दिल्ली, 30 अप्रैल। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बुधवार को कैबिनेट बैठक में जाति जनगणना कराने फैसले पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने प्रतिक्रिया दी है और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उससे पूछा है कि कहीं यह ‘हेडलाइन मैनेजमेंट’ तो नहीं है।
पवन खेड़ा ने पूछा – तो क्या सरकार अब समाज को जातियों में बांटेगी
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा का कहना है कि सरकार तो राहुल गांधी पर समाज को जातियों में बांटने का आरोप लगा रही थी, तो क्या सरकार अब समाज को जातियों में बांटेगी? उन्होंने कहा कि जो आजतक राहुल गांधी पर जातियों में बांटने का आरोप लगा रहे थे, अब वे ही इसे सरकार का ‘मास्टरस्ट्रोक’ बताएंगे.
‘जब सरकार को बात ही माननी है तो राहुल गांधी का विरोध क्यों करते हैं?’
पवन खेड़ा ने कहा, ‘जब आपको (सरकार को) मानना ही है राहुल गांधी की बात तो विरोध ही क्यों करते हैं। ये चौथी-पांचवीं बार है, जब राहुल गांधी की बात का पहले इन्होंने विरोध किया और फिर मान गए। या तो इन लोगों को सरकार नहीं चलानी आती…।’ उन्होंने बताया कि सामाजिक न्याय के लिए पहला कदम जाति जनगणना है और इसके साथ कई और कदम उठाने पड़ते हैं, और उठाने चाहिए।
इस सवाल पर कि क्या जाति जनगणना कांग्रेस का कार्ड था, पवन खेड़ा ने कहा, ‘ये हमारा कार्ड नहीं था। सामाजिक न्याय के प्रति जो हमारे मन में निष्ठा है, उसे हम याद रखते हैं। पूरे देश को पता है कि असली कौन है और नकली कौन है। सरकार के फैसले से संतुष्ट हैं या नहीं? ये तो पहला कदम है और इससे कैसे खुश हुआ जा सकता है। इसके बाद कई और कदम उठाने होंगे।’
पवन खेड़ा ने कहा कि सिर्फ आंकड़े रख देने से सामाजिक न्याय नहीं होगा। राहुल गांधी कहा करते हैं कि जनगणना एक एक्स-रे रिपोर्ट है, और उस रिपोर्ट को देखने के बाद आगे का फैसला किया जाना चाहिए। अब सरकार के फैसले पर पार्टी के सांसद राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जिसमें वह इन मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे।
लालू प्रसाद बोले – ‘संघियों को हमारे एजेंडा पर नचाते रहेंगे‘
वहीं केंद्र के फैसले पर राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव ने कहा, ‘हम समाजवादी जैसे आरक्षण, जातिगणना, समानता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्षता इत्यादि 30 साल पहले सोचते हैं, उसे दूसरे लोग दशकों बाद फॉलो करते हैं। जातिगत जनगणना की मांग करने पर हमें जातिवादी कहने वालों को करारा जवाब मिला है। अभी बहुत कुछ बाकी है। इन संघियों को हमारे एजेंडा पर नचाते रहेंगे।’
‘30 साल पुरानी मांग, ये हमारी जीत – तेजस्वी यादव
लालू प्रसाद के छोटे पुत्र व बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, ‘यह हमारी 30 साल पुरानी मांग थी। यह हमारी, समाजवादियों और लालू यादव की जीत है… इससे पहले बिहार के सभी दलों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी, लेकिन उन्होंने हमारी मांग को अस्वीकार कर दिया था। कई मंत्रियों ने इससे इनकार किया, लेकिन यह हमारी ताकत है कि उन्हें हमारे एजेंडे पर काम करना है।’
जदयू ने केंद्र के फैसले का किया स्वागत
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा ने जाति जनगणना के सरकार के फैसले पर कहा, ‘एनडीए की केंद्र की सरकार ने देश में जातीय जनगणना कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। निश्चित रूप से यह स्वागत योग्य कदम है। आप सभी जानते हैं कि हमारे नेता आदरणीय नीतीश कुमार जी ने या हमारी पार्टी में लंबे समय से इस मांग को विभिन्न प्लेटफार्म पर उठाया है। चाहे वह विधानसभा से प्रस्ताव पारित करवाना हो, सर्वदलीय सहमति बनानी हो, केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री तक अपनी बात पहुंचनी हो।’

