भोपाल, 29 मार्च। लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के मद्देनजर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने के लिए नोटिस भेजे जाने पर पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि राहुल गांधी उनके घर में रह सकते हैं। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राहुल गांधी को ऐसा ही ऑफर दिया था, जिसमें उन्हें आपने घर में रहने की बात कही थी।
दरअसल, राहुल गांधी के समर्थन में कांग्रेस पार्टी ‘मेरा घर है आपका घर’ नामक एक मुहिम चला रही है। इस मुहिम के तहत कांग्रेस के कई नेता ट्वीट करते हुए देखे गए हैं। यही नहीं, ‘मेरा घर है आपका घर’ हैशटैग से कई वीडियो भी ट्वीट किए जा रहे हैं।
दिग्विजय बोले – ‘मेरे घर रहेंगे तो मैं मानूंगा अपना सौभाग्य‘
दिग्विजय ने एक ट्वीट में कहा, “राहुल गांधी जी, आप जैसे उदार हृदय वाले लोगों के लिए तो पूरा देश ही परिवार है और ‘वसुधैवकुटुम्बकम्’ की यही भावना हमारे देश का मूल चरित्र है।’’ उन्होंने आगे लिखा, ‘राहुल जी, मेरा घर आपका घर है। मैं अपने घर में आपका स्वागत करता हूं और अपना सौभाग्य मानूंगा यदि आप मेरे घर में आकर रहेंगे।’
@RahulGandhi जी, आप जैसे उदार हृदय वाले लोगों के लिए तो पूरा देश ही परिवार है और "वसुधैवकुटुम्बकम्" की यही भावना हमारे देश का मूल चरित्र है।
राहुल जी, #MeraGharAapkaGhar है, मैं अपने घर में आपका स्वागत करता हूं और अपना सौभाग्य मानूंगा यदि आप मेरे घर में आकर रहेंगे। pic.twitter.com/053UyD2qY6
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 29, 2023
राहुल से 22 अप्रैल तक सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया है
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया था कि लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया है। राहुल गांधी को पिछले सप्ताह लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के मद्देनजर लोकसभा की आवास संबंधी समिति ने कांग्रेस नेता को राष्ट्रीय राजधानी में 12 तुगलक लेन स्थित सरकारी बंगला खाली करने के लिए नोटिस भेजी है।
‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल को कोर्ट से मिली है सजा
गौरतलब है कि गुजरात में सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें गत 23 मार्च को दोषी ठहराया तथा दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी। इसके अगले दिन 24 मार्च को उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अयोग्य ठहराये गए सदस्य को उनकी सदस्यता जाने के एक महीने के भीतर सरकारी बंगला खाली करना होता है।