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कांग्रेस ने 10 प्रतिशत कोटे पर फैसले का किया स्वागत, कहा – मनमोहन सरकार की पहल का परिणाम है यह आरक्षण

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नई दिल्ली, 7 नवम्बर। कांग्रेस ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि यह आरक्षण मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा आरंभ की गई प्रक्रिया का परिणाम है।

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने दाखिलों और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को दो के मुकाबले तीन मतों के बहुमत से सोमवार को बरकरार रखा। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं करता।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के संदर्भ में आए उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करती है।

जयराम रमेश ने कहा, ‘यह संवैधानिक संशोधन 2005-06 में डॉक्टर मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा सिन्हा आयोग का गठन करके शुरू की गई प्रक्रिया का परिणाम है। इस आयोग ने जुलाई, 2010 में अपनी रिपोर्ट दी थी। इसके बाद व्यापक रूप से चर्चा की गई और 2014 तक विधेयक तैयार कर लिया गया।’

ताजा जाति जनगणना पर मोदी सरकार अपना रुख स्पष्ट करे

रमेश ने दावा किया कि मोदी सरकार को विधेयक को कानून की शक्ल देने में पांच वर्षों का समय लगा। उन्होंने कहा, ‘इसका उल्लेख करना भी जरूरी है कि सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना को 2012 तक पूरा कर लिया गया था तथा उस वक्त मैं ग्रामीण विकास मंत्री था। मोदी सरकार को स्पष्ट करना होगा कि ताजा जाति जनगणना को लेकर उसका क्या रुख है। कांग्रेस इसका समर्थन करती है और इसकी मांग भी करती है।’

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