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राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद किए जाने पर कांग्रेस बोली – ‘भारतीय लोकतंत्र ओम शांति, हम खामोश नहीं बैठेंगे’

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नई दिल्ली, 24 मार्च। सूरत की अदालत से मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो वर्ष की सजा सुनाए जाने और 24 घंटे के भीतर ही उन्हें लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार और भाजपा पर जमकर प्रहार किया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “भारतीय लोकतंत्र ओम शांति। हम खामोश नहीं होंगे। ‘अडाणी महाघोटाले’ पर जेपीसी की मांग करते रहेंगे। हमने आज कांग्रेस मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें इस लड़ाई को आगे ले जाने की रणनीति तय करेंगे।”

‘हम जेपीसी की मांग जारी रखेंगे, जरूरत पड़ी तो लोकतंत्र बचाने के लिए जेल जाएंगे’

सांसद के रूप में राहुल गांधी की अयोग्यता पर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि उन्होंने (भाजपा) उन्हें अयोग्य ठहराने के सभी तरीके आजमाए। जो सच बोल रहे हैं, उन्हें वो रखना नहीं चाहते। लेकिन हम सच बोलते रहेंगे, हम जेपीसी की मांग जारी रखेंगे, जरूरत पड़ी तो लोकतंत्र बचाने के लिए जेल जाएंगे।’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ये किसी समाज के संबंध में नहीं है। जो लोग पैसे लेकर भागे, जैसे ललित मोदी, नीरव मोदी और विजय माल्या वे क्या पिछड़े समाज से थे? ये लोग ऐसी अनुभूति बना रहे हैं कि राहुल गांधी ने पिछड़े समाज के बारे में बोला है।

रामदास अठावले ने कहा – स्पीकर ने उचित फैसला लिया

दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि स्पीकर को अधिकार है कि वे ऐसी स्थिति में किसी सांसद को अयोग्य घोषित कर सकते हैं। सूरत जिला अदालत के फैसले के बाद यह निर्णय लेना बहुत जरूरी था, स्पीकर ने उचित फैसला लिया है।

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने, हालांकि गांधी को जमानत भी दे दी तथा उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता फैसले को चुनौती दे सकें।

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