मुंबई, 6 मई। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में 2014 से 2019 के बीच राजद्रोह के 326 मामले दर्ज किए गए। महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव और प्रवक्ता सचिन सावंत ने शुक्रवार को इस आशय का एक आंकड़ा ट्वीट करते हुए कहा कि केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान 2019 के बाद दर्ज किए गए राजद्रोह के मामलों की संख्या अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है।
2014-19 के बीच दर्ज किए गए 326 मामले, 2019 के बाद कोई डेटा नहीं
सचिन सावंत ने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने राज्य की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को लोकसभा सदस्य नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा पर राजद्रोह का मामला दर्ज करने को लेकर ‘क्रूर’ बताया है। राज्य के भाजपा नेता अदालत की टिप्पणी (कि राणा दंपत्ति के खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगाने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है) के बाद जश्न मना रहे हैं, मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि मोदी शासन के तहत 2014 से 2019 तक राजद्रोह के कुल 326 मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2019 के बाद कोई डेटा नहीं है।’
पीएम मोदी के खिलाफ बोलने पर दर्ज होता है मामला
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘पीएम मोदी के खिलाफ बोलने के आरोप में राजद्रोह के कुल 149 और (उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री) योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोलने पर 144 मामले दर्ज किए गए। केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन पर गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया और हाथरस बलात्कार मामले के बारे में लिखने के लिए उत्तर प्रदेश जाने के बाद वह डेढ़ साल से जेल में हैं।’
मोदी नीत सरकार ने पूरे देश में आतंक फैलाया
सचिन सावंत ने कहा कि मोदी नीत सरकार ने पूरे देश में आतंक फैलाया है, लेकिन भाजपा महाराष्ट्र में एमवीए सरकार को क्रूर और दमनकारी कहती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने स्टेन स्वामी (कार्यकर्ता और एल्गार परिषद-माओवादी जुड़ाव मामले के आरोपित) को स्ट्रॉ और सिपर देने से भी इनकार कर दिया था। चिकित्सा आधार पर जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वामी की मृत्यु हो गई थी।