नई दिल्ली, 24 जुलाई। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने मानसून सत्र के दौरान कांग्रेसी सांसदों द्वारा लगातार किए जा रहे हंगामे व संसद की कार्यवाही में उत्पन्न किए जा रहे व्यवधान को लेकर अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाया है और इसे अनुचित करार दिया है। आनंदपुर साहिब से सांसद तिवारी ने कहा, ‘संसद में हमेशा व्यवधान ठीक नहीं, केवल विषम परिस्थितियों में ही ऐसा होना चाहिए।’
गौरतलब है कि गत 18 जुलाई से प्रारंभ मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस पार्टी के सदस्य खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाने सहित अन्य कई मुद्दों को लेकर संसद में लगातार हंगामा कर रहे हैं। इसके कारण दोनों सदनों में काम लगातार बाधित हो रहा है और लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही लगातार स्थगित हो रही है।
पार्टी लाइन के विपरीत केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ लगातार सवाल उठा रहे मनीष
दरअसल, पिछले कई दिनों से मनीष तिवारी अपनी पार्टी की लाइन से अलग चल रहे हैं। वह समय-समय पर अपनी ही पार्टी के नेता और केंद्रीय नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। जब केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना को पेश की तो कांग्रेस ने इसका जोरदार विरोध किया, इसे युवा विरोधी बताया। लेकिन तिवारी ने पार्टी लाइन से बाहर जाते हुए इस योजना का समर्थन किया, साथ ही इसके लिए पीएम मोदी और केंद्र की तारीफ भी की थी।
अग्निपथ योजना के खिलाफ सांसदों के पत्र पर भी नहीं किया था हस्ताक्षर
पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई वाली सुरक्षा परामर्श समिति में शामिल विपक्षी दलों के सांसदों ने अग्निपथ योजना के खिलाफ और इसे वापस लेने के लिए एक पत्र लिखा था, जिसमें शक्ति सिह गोहिल, रजनी पाटिल (कांग्रेस), सुप्रिया सुले (राकांपा), सौगत राय एवं सुदीप बंदोपाध्याय (तृणमूल कांग्रेस) और राजद के एडी सिंह ने हस्ताक्षर किया। लेकिन मनीष तिवारी ने इस पत्र में अपनी सहमति देने से इनकार कर दिया था। तिवारी के इस कदम से विपक्ष सहित कांग्रेस पार्टी स्तब्ध रह गई थी।