नई दिल्ली, 21 फरवरी। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे और कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने सोमवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के डेलीगेट की सूची पर नाखुशी जताते हुए कहा कि पार्टी जब तक ‘खास नामांकन’ से दूरी नहीं बनाती, वह हमेशा उन लोगों को पीछे छोड़ देगी, जो वास्तव में योग्य हैं।
कार्ति चिदंबरम की यह टिप्पणी उस ट्वीट के जवाब में आई है, जिसमें एआईसीसी डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्य) की सूची में तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख के.टी. लक्ष्मी कंथन को शामिल करने की वकालत की गई थी।
कार्ति ने ट्वीट किया, ‘‘जब तक हम ‘खास नामांकन’ से दूरी नहीं बनाते, वास्तविक रूप से योग्य लोगों को शामिल नहीं कर पाएंगे।’ शिवगंगा से सांसद कार्ति ने एक ट्वीट को रीट्वीट भी किया, जिसमें तमिलनाडु से एआईसीसी सदस्यों की सूची में कई पात्र नेताओं के शामिल नहीं होने का जिक्र किया गया था।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने दिल्ली से जुड़ी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के डेलीगेट्स की सूची जारी कर दी है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के नाम शामिल हैं। इस सूची में पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदीश टाइटलर का नाम शामिल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया। टाइटलर का नाम 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच समिति की रिपोर्ट में शामिल है।
जगदीश टाइटलर के नाम को लेकर भाजपा कर चुकी है तीखा प्रहार
टाइटलर के नाम को लेकर भारतीय जनता पार्टी भी कांग्रेस पर तीखा प्रहार कर चुकी है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस का यह कदम दिखाता है कि उसके नेता राहुल गांधी वास्तव में ‘नफरत की दुकान’ खोल रहे हैं, जिन्होंने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ‘मोहब्बत की दुकान’ की बात की थी।
दिल्ली से एआईसीसी के कुल 36 निर्वाचित सदस्य और 25 को-ऑप्टेड सदस्य
दिल्ली से एआईसीसी के कुल 36 निर्वाचित सदस्य और 25 सहयोजित (को-ऑप्टेड) सदस्य हैं। इनमें मनमोहन सिंह और प्रियंका गांधी के अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार, वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी और कई अन्य नेताओं के नाम शामिल हैं।