लखनऊ, 28 जनवरी। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी को एक और बड़ा झटका लग सकता है। इस क्रम में अभिनेता से नेता बने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर भी कांग्रेस का साथ छोड़ कर अपने लिए बेहतर विकल्प के रूप में फिर समाजवादी पार्टी में वापसी कर सकते हैं। यहीं नहीं वरन उनके बहुजन समाज पार्टी में भी जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि राजबब्बर के साथ ही कांग्रेस पार्टी की तरफ से भी इस बात का खंडन किया जा रहा है।
गौरतलब है कि पूर्वांचल की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले आरपीएन सिंह ने बीती दिनों कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वॉइन की तो गुरुवार को कानपुर और फतेहपुर की राजनीति में अच्छी पकड़ रखने वाले राकेश सचान ने भी कांग्रेस को अलविदा कहते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया। वस्तुतः कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता दरकिनार कर दिए जाने से बिल्कुल भी खुश नहीं हैं, इसीलिए वे सुरक्षित स्थान तलाश रहे हैं।
1994 से राजनीतिक करिअर की शुरुआत की थी
राज बब्बर की बात करें तो कांग्रेस ने वर्ष 2019 से ही उनकी अनदेखी कर रखी है। हालांकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए हाल ही में जारी स्टार प्रचारकों की सूची में उन्हें भी स्थान दिया है, फिर भी खुद की लगातार अनदेखी के चलते वह नाखुश हैं। राज बब्बर के जनता दल से अपने राजनीतिक करिअर की शुरुआत की थी और वर्ष 1994 में समाजवादी पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजा। 2004 में सपा के टिकट पर ही जीतकर पहली बार वह लोकसभा भी पहुंचे, लेकिन सपा से अनबन के बाद 2006 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी और 2008 में कांग्रेस से हाथ मिला लिया।
अखिलेश की पत्नी को हरा कर सपा को दिया था झटका
राजनीति में राज बब्बर के कद का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि 2009 के लोकसभा उप चुनाव में उन्होंने के टिकट पर फिरोजाबाद सीट से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को बुरी तरह पटखनी दे दी। इससे समाजवादी पार्टी और राज बब्बर के संबंधों में और भी ज्यादा दरार आ गई थी। हालांकि 2014 में कांग्रेस ने उन्हें गाजियाबाद सीट से जनरल वीके सिंह के सामने मैदान में उतारा, लेकिन राज बब्बर को हार मिली। इसके बाद पार्टी ने उन्हें उत्तराखंड से राज्यसभा भेज दिया।
2016 में बनाए गए थे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
कांग्रेस ने राज बब्बर को वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष की कमान सौंप दी और उनके नेतृत्व में 2017 का यूपी विधानसभा चुनाव में संपन्न हुआ। लेकिन यह चुनाव उनके मन मुताबिक नहीं था। कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर लिया जबकि राजबब्बर यह गठबंधन नहीं चाहते थे। अंततः उस चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ सात सीटें मिलीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी उत्तर प्रदेश में सिर्फ सोनिया गांधी के रूप में सिर्फ एक ही सांसद बना पाई थी। इसके बाद राज बब्बर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
सपा के अलावा बसपा में भी चल रही बात
सूत्रों का कहना है कि राज बब्बर ‘घर वापसी’ भी कर सकते हैं और बहुजन समाज पार्टी की तरफ भी रुख कर सकते हैं। समाजवादी पार्टी तो उनके लिए विकल्प है ही, लेकिन बहुजन समाज पार्टी में उनके समधी पूर्व आईएएस अनिल घोष हैं, जो उन्हें पार्टी में लाने की कोशिश में लगे हैं। बहुजन समाज पार्टी से चूंकि तमाम बड़े नेता जा चुके हैं, ऐसे में राज बब्बर को ऊंचे ओहदे के साथ पार्टी में शामिल कराने के लिए बात चल रही है।