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लोकसभा में गरिमा के खिलाफ आचरण को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी निलंबित

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नई दिल्ली, 10 अगस्त। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गईं कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण गुरुवार को उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया।

विपक्ष के बहिर्गमन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगभग सवा दो घंटे तक चले जवाब के बाद जब अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से खारिज हो गया, उसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अधीर रंजन चौधरी व भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह ‘मस्त’ के आचरण का जिक्र किया और स्पष्टीकरण मांगा।

विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित रहेंगे चौधरी

भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने अपने आचरण के लिए तत्काल यह कहते हुए क्षमा मांग ली कि वह पीएम मोदी का अमपान बर्दाश्त नहीं कर सके, लिहाजा नाराजगी जाहिर की। वहीं चौधरी सहित सम्पूर्ण विपक्ष पहले ही सदन से वॉकआउट कर चुका था। खैर, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी। प्रस्ताव के अनुसार, विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक कांग्रेस नेता चौधरी सदन की कार्यवाही से निलंबित रहेंगे।

महाभारत के एक संदर्भ के साथ पीएम खिलाफ की थी टिप्पणी

सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए चौधरी ने महाभारत के एक संदर्भ का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ टिप्पणी की थी, जिसे आसन ने तत्काल रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह समेत सत्तापक्ष के कई सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। भाजपा के सदस्य वीरेंद्र सिंह को आक्रामक होते देखा गया। इस घटनाक्रम के समय प्रधानमंत्री मोदी भी सदन में मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी जब चर्चा का जवाब दे रहे थे तो उस समय भी चौधरी ने कई बार टोका-टाकी की।

चर्चा पर प्रधानमंत्री के जवाब के बाद प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘जब प्रधानमंत्री, मंत्री बोलते हैं या कोई चर्चा होती है तो कांग्रेस के नेता (चौधरी) जान बूझकर व्यवधान पैदा करने की कोशिश करते हैं…उनको इसकी आदत हो गई है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि वह इस सदन की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता हैं।’ जोशी ने कहा, ‘बार-बार कहने पर भी उन्होंने सुधार नहीं किया। वह आधारहीन आरोप लगाते हैं। देश और देश की छवि कम करने की कोशिश करते हैं, जबकि उनके आरोप में कोई तथ्य नहीं होता। कभी क्षमा नहीं मांगते।’

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