नई दिल्ली, 7 सितम्बर। कांग्रेस ने ‘सनातन धर्म’ पर डीएमके नेताओं – उदयनिधि स्टालिन और ए राजा की टिप्पणियों से असहमति जताई है और कहा कि पार्टी ‘सर्वधर्म समभाव’ (सभी धर्मों के लिए समान सम्मान) में विश्वास करती है। देश के प्रमुख विपक्षी दल ने यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन का प्रत्येक सदस्य सभी धर्मों, समुदायों और मान्यताओं का बहुत सम्मान करता है।
कांग्रेस का यह बयान उस राजनीतिक विवाद के बीच आया है, जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन व राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने लोगों के बीच विभाजन और भेदभाव को बढ़ावा देने के लिए ‘सनातन धर्म’ को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इसे खत्म किया जाना चाहिए।
ए राजा ने सनातन धर्म की तुलना एड्स और कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों से कर डाली
डीएमके नेता ए राजा तो उदयनिधि से भी दो हाथ आगे निकले और उन्होंने कथित तौर पर कहा कि ‘सनातन धर्म’ की तुलना एड्स और कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों से की जानी चाहिए, जिनके साथ सामाजिक कलंक जुड़ा हुआ है।
सहयोगी द्रमुक के नेताओं की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, “कांग्रेस ने हमेशा ‘सर्वधर्म समभाव’ में विश्वास किया है, जिसमें हर धर्म, हर आस्था का अपना स्थान है। कोई भी किसी विशेष आस्था को कमतर नहीं मान सकता, किसी अन्य आस्था की तुलना में। न तो संविधान इसकी अनुमति देता है और न ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इनमें से किसी भी टिप्पणी पर विश्वास करती है।”
कांग्रेस का ‘सर्वधर्म समभाव’ में विश्वास, जिसमें हर धर्म, हर आस्था का अपना स्थान
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस ने टिप्पणियों की निंदा क्यों नहीं की, खेड़ा ने कहा, ‘मैंने सिर्फ इतना कहा कि हम ऐसी टिप्पणियों से सहमत नहीं हैं।’ यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस इसे अपने सहयोगी द्रमुक के साथ यह मुद्दा उठाएगी, खेड़ा ने कहा, ‘इन मुद्दों को उठाने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हम इस तथ्य को जानते हैं कि हमारा प्रत्येक घटक हर धर्म का सम्मान करता है।’
उन्होंने कहा, ‘अब यदि आप किसी की टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश करना चाहते हैं, तो ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। यदि यह प्रधानमंत्री को शोभा देता है तो उन्हें उन टिप्पणियों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने दें, लेकिन भारतीय गठबंधन के प्रत्येक सदस्य के मन में सभी आस्थाओं, समुदायों, विश्वासों और धर्मों के प्रति बहुत सम्मान है।’