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कांग्रेस ने पीएम मोदी के ‘मौन व्रत’ को बताया प्रचार का हथकंडा, निर्वाचन आयोग से की शिकायत

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नई दिल्ली, 29 मई। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर मीडिया में जारी उन खबरों पर आपत्ति जाहिर की है और इसे प्रचार जारी रखने या खुद को सुर्खियों में बनाए रखने का हथकंडा बताया है, जिसमें कहा गया है कि लोकसभा चुनाव के तहत गुरुवार (30 मई) शाम पांच बजे सातवें व अंतिम चरण का चुनाव प्रचार थमने के बाद पीएम मोदी दो दिनों के लिए कन्याकुमारी में आध्यात्मिक प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान वह कन्याकुमारी स्थित विवेकानन्द रॉक मेमोरियल में ध्यान लगाएंगे।

वे मौन व्रत रखें या कुछ और, लेकिन इस दौरान अप्रत्यक्ष प्रचार न हो

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को इस बाबत भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से शिकायत की है। उसके बाद कांग्रेस नेता व वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘हमने चुनाव आयोग से कहा कि 48 घंटे की मौन अवधि के दौरान किसी को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। कोई भी नेता जो कुछ भी करे, हमें उससे कोई आपत्ति नहीं है। चाहे वे मौन व्रत रखें या कुछ और, लेकिन मौन अवधि में अप्रत्यक्ष प्रचार नहीं होना चाहिए। हमने शिकायत की है कि पीएम मोदी ने घोषणा की है कि वह 30 मई की शाम से मौन व्रत पर बैठेंगे। यह मौन अवधि 30 मई को शाम सात बजे से एक जून तक होगी।’

सिंघवी बोले – यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। ये या तो प्रचार जारी रखने या खुद को सुर्खियों में बनाए रखने के हथकंडे हैं। हमने चुनाव आयोग से कहा है कि उन्हें मौन व्रत एक जून की शाम को 24-48 घंटे बाद शुरू करना चाहिए। लेकिन अगर वह इसे कल शुरू करने पर जोर देते हैं, तो इसे प्रिंट या ऑडियो-विजुअल मीडिया द्वारा प्रसारित करने से रोका जाना चाहिए।’

गौरतलब है कि एक जून को लोकसभा चुनाव, 2024 के तहत सातवें चरण के लिए मतदान होगा। इसी दिन वाराणसी लोकसभा सीट पर भी मतदान होना है। पीएम मोदी तीसरी बार इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।