नई दिल्ली, 31 जुलाई। कांग्रेस ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अनुसंधान परियोजनाओं से जुड़े लोगों का कार्यकाल सीमित किए जाने संबधी खबर को लेकर सोमवार को सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह एक और उदाहरण है कि कैसे एक विश्व स्तरीय अनुसंधान संस्थान को बर्बाद करने का प्रयास किया जा रहा है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक खबर का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स-नयी दिल्ली में अनुसंधान परियोजनाओं से जुड़े वैज्ञानिकों के कार्यकाल को लेकर छह साल की सीमा तय कर दी है। रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘यह इस बात का एक और उदाहरण है कि कैसे एक विश्व स्तरीय अनुसंधान संस्थान को नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा सूक्ष्म प्रबंधन करने और अंततः नष्ट करने की कोशिश की जा रही है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संबंधी संसद की स्थायी समिति का मैं भी सदस्य रह चुका हूं। इस समिति ने स्वायत्तता और अनुसंधान क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से अगस्त 2015 में ‘एम्स की कार्यप्रणाली’ पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। अब हम जो देख रहे हैं कि वह लोग निर्देश जारी कर रहे हैं जो यह नहीं समझते है कि विज्ञान और अनुसंधान कैसे काम करता है।’’