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कांग्रेस ने पूछा – सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना पर भाजपा का क्या रुख है?

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नई दिल्ली, 6 मार्च। कांग्रेस ने बिहार के बेतिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा से पहले बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट करना चाहिए कि उनका सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना पर क्या रुख है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस देशव्यापी सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को बिहार के बेतिया में जनसभा को संबोधित करेंगे और कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण भी करेंगे। रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “प्रधानमंत्री आज बिहार के बेतिया में हैं। वह वहां भी निस्संदेह झूठ और जुमलों की झड़ी लगाएंगे। लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि वह इन सबके बीच सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी बात करने की हिम्मत दिखाएंगे।”

उन्होंने सवाल किया कि मोदी सरकार हर 10 साल में होने वाली नियमित जनगणना को क्यों नहीं करवा रही है? रमेश के अनुसार, यह जनगणना 2021 में ही होनी थी लेकिन अभी तक नहीं हुई। उन्होंने कहा कि इससे अन्य आंकड़ों के अलावा, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों की आबादी की पूरी तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी।

कांग्रेस नेता ने सवाल किया, “2011 में हुई सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना के तहत आए जाति से संबंधित डेटा को मोदी सरकार ने जारी क्यों नहीं किया, जिन्हें 25 करोड़ परिवारों से एकत्र किया गया था?”

उन्होंने कहा, “बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार ने सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना करवाया और उसके नतीजे जारी किए। जनगणना में सामने आए वंचित समुदायों और परिवारों के लिए सामाजिक और आर्थिक न्याय को आगे बढ़ाने के लिए बिहार की “नई” राजग सरकार का दृष्टिकोण क्या है?’’

रमेश ने कहा, “कांग्रेस पार्टी अपने ‘भागीदारी न्याय’ एजेंडे के तहत, देशव्यापी व्यापक सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना कराने के लिए प्रतिबद्ध है। देश भर में हमारी राज्य सरकारें अपने-अपने राज्यों में इसके लिए पहल कर रही है।” उन्होंने सवाल किया कि इस मुद्दे पर बीजेपी का क्या रुख है?

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