नई दिल्ली, 17 जून। कांग्रेस पार्टी की केरल इकाई द्वारा सोशल मीडिया पर एक व्यंग्यात्मक पोस्ट की गई, जिसमें इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पोप फ्रांसिस के बीच हुई मुलाकात का मजाक उड़ाया गया था। हालांकि इस पोस्ट पर भाजपा की ओर से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई, जिसके बाद कांग्रेस ने न सिर्फ इस पोस्ट को हटा दिया वरन ईसाई समुदाय से क्षमा याचना भी की।
दरअसल, पोस्ट में पोप के साथ पीएम मोदी की एक तस्वीर थी और उस पर टिप्पणी की गई थी – ‘आखिरकार, पोप को भगवान से मिलने का मौका मिला!’ यह पीएम मोदी के पिछले बयान का संदर्भ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें यकीन है कि उन्हें ‘भगवान ने किसी उद्देश्य से भेजा है।’
भाजपा ने तुरंत ही इस पोस्ट की कड़ी निंदा करते हुए कांग्रेस पर प्रधानमंत्री मोदी और पोप दोनों का अपमान करने का आरोप लगाया। केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने पोस्ट किया, “केरल कांग्रेस ‘X’ हैंडल, जो कट्टरपंथी इस्लामवादियों या शहरी नक्सलियों द्वारा चलाया जा रहा है, राष्ट्रवादी नेताओं के खिलाफ अपमानजनक और अपमानजनक सामग्री पोस्ट करना जारी रखता है। अब, यह सम्मानित पोप और ईसाई समुदाय का मजाक उड़ाने तक गिर गया है।”
This tweet by the Congress, equates Prime Minister Modi to Lord Jesus. This is absolutely uncalled for and is an insult to the Christian community, who revere Jesus. It is shameful that Congress has stopped to this level. pic.twitter.com/79drMyiauF
— George Kurian(Modi Ka Parivar) (@GeorgekurianBjp) June 16, 2024
सुरेंद्रन ने कांग्रेस पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, वायनाड के सांसद राहुल गांधी और महासचिव केसी वेणुगोपाल जैसे दिग्गजों को आड़े हाथों लिया और सवाल किया कि क्या वे इस तरह के बयानों का समर्थन करते हैं। केरल भाजपा महासचिव जॉर्ज कुरियन ने कहा कि यह पोस्ट अपमानजनक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है, खासकर केरल में, जहां ईसाई धर्म तीसरा सबसे बड़ा प्रचलित धर्म है।
भाजपा आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का इतिहास अन्य धर्मों को बदनाम करने का रहा है और उन्होंने कैथोलिक पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगने की बात कही। मालवीय ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘हिन्दुओं का मजाक उड़ाने और उनकी आस्था का उपहास करने के बाद, कांग्रेस में इस्लामवादी-मार्क्सवादी गठजोड़ अब ईसाइयों का अपमान करने पर उतर आया है। यह तब है, जब सबसे लंबे समय तक कांग्रेस अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी खुद कैथोलिक हैं। उन्हें विश्वासियों से माफी मांगनी चाहिए।’
After mocking the Hindus and deriding their faith, the Islamist-Marxist nexus in the Congress has now come down to insulting the Christians. This, when Sonia Gandhi, the longest serving Congress President, herself is a practising Catholic. She must apologise to the believers… pic.twitter.com/rPNfvNmzJi
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 16, 2024
आलोचनाओं से घिरने के बाद कांग्रेस ने पोप फ्रांसिस के बयान का हवाला दिया कि भगवान के बारे में मजाक करना पाखंड नहीं है। पार्टी ने ट्वीट किया, ‘जब आप एक भी दर्शक के होठों से बुद्धिमानी भरी मुस्कान निकालने में कामयाब हो जाते हैं, तो आप भगवान को भी मुस्कुराने पर मजबूर कर देते हैं। पोप फ्रांसिस ने यह बात शुक्रवार, 14 जून को उसी दिन कही, जिस दिन वे नरेंद्र मोदी से मिले थे।’ के सुरेंद्रन और जॉर्ज कुरियन को टैग करते हुए कांग्रेस पार्टी ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘अगली बार किस्मत अच्छी हो।’
वहीं केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष वीटी बलराम ने पोस्ट का बचाव करते हुए कहा कि यह व्यंग्यात्मक था और इसका उद्देश्य पीएम मोदी के जनसंपर्क प्रयासों में ‘उथलेपन’ को उजागर करना था। मोदी ने खुद दावा किया है कि वे सामान्य इंसान नहीं हैं, बल्कि भगवान द्वारा भेजे गए हैं। यह खास ट्वीट व्यंग्यपूर्ण है।’
फिलहाल बढ़ते विरोध के बीच, कांग्रेस की केरल इकाई ने पोस्ट को हटा दिया और ‘ईसाइयों को कोई भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक परेशानी’ पहुंचाने के लिए माफी मांगी। एक बयान में, इसने स्पष्ट किया कि इसका उद्देश्य किसी भी धर्म या धार्मिक हस्तियों का अपमान करना नहीं है।’ हालांकि, इसने कहा कि पीएम मोदी सहित राजनीतिक हस्तियों को आलोचना से छूट नहीं है।
केरल कांग्रेस ने कहा, ‘कोई भी कांग्रेस कार्यकर्ता पोप का अपमान करने के बारे में दूर-दूर तक नहीं सोच सकता, जिन्हें दुनिया भर के ईसाई भगवान के समान मानते हैं। हालांकि, कांग्रेस को नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाने में कोई हिचक नहीं है, जो खुद को भगवान बताकर इस देश के आस्थावानों का अपमान करते हैं।’
कांग्रेस ने भाजपा को मणिपुर में जातीय हिंसा के दौरान चर्चों को जलाए जाने पर काररवाई न करने के लिए ईसाई समुदाय से माफी मांगने की चुनौती भी दी। कांग्रेस प्रवक्ता मैथ्यू एंथनी ने कहा, ‘हम यह भी जानते हैं कि प्रधानमंत्री मणिपुर पर जान बूझकर चुप्पी साधे हुए हैं, जहां अल्पसंख्यकों को सताया गया है, पूजा स्थलों को नष्ट किया गया है। असम और पूर्वोत्तर में अल्पसंख्यकों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ा और प्रधानमंत्री ने एक शब्द भी नहीं कहा। हम अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति प्रधानमंत्री के खोखलेपन को उजागर कर रहे हैं और यह सौहार्द और यह कूटनीति (पोप के साथ) ईसाई समुदाय के प्रति प्रधानमंत्री द्वारा कोई गंभीर बात नहीं है।’