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भागवत के बयान पर कांग्रेस व एआईएमआईएम का पलटवार, ओवैसी बोले – यह नफरत हिन्दुत्व की देन

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नई दिल्ली, 5 जुलाई। हिन्दू-मुस्लिम एकता, एक डीएनए और मॉब लिंचिंग को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर कांग्रेस व असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी तंज कसते हुए कहा कि यदि आरएसएस प्रमुख की सोच बदल रही है तो यह स्वागत योग्य कदम है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भागवत के बयान का हवाला देते हुए संघ प्रमुख से पूछा है कि क्या उनके जो विचार हैं, वह उसे विहिप, बजरंग दल व  भाजपाशासित मुख्यमंत्रियों को भी देंगे। दूसरी तरफ एआईएमआईएम के मुखिया और हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने कहा कि लिंचिंग करने वालों को हिन्दुत्ववादी सरकार सपोर्ट कर रही है।

गौरतलब है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में रविवार को कहा था कि हिन्दू- मुस्लिम एकता की बातें भ्रामक हैं क्योंकि ये दोनों अलग नहीं बल्कि एक हैं। उन्होंने कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वह किसी भी धर्म के क्यों न हो। उन्होंने कहा था कि कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जाने वाली हत्या (लिंचिंग) में शामिल होने वाले लोग हिन्दुत्व के खिलाफ हैं।

संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में यह भी कहा था कि भारत में इस्‍लाम को किसी तरह का खतरा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हम एक लोकतंत्र में हैं। यहां हिन्दुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता।’

दिग्विजय सिंह ने पूछा, ‘मोहन भागवत जी, यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिन्दू परिषद/ बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदी-शाह जी व भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे?’

कत्ल करने के लिए नाम ही काफी है – ओवैसी

एआईएमआईएम अध्यक्ष ओवैसी ने तो भागवत पर कहीं ज्यादा कड़ा प्रहार किया। उन्होंने एक के बाद एक तीन ट्वीट में आरोप लगाया कि देश में उपजी नफरत हिन्दुत्व की देन है।

ओवैसी ने ट्वीट में लिखा, “आरएसएस के भागवत ने कहा ‘लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी’। इन अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा, लेकिन कत्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे। ये नफरत हिन्दुत्व की देन है। इन मुजरिमों को हिन्दुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है।”

ओवैसी ने कहा, “केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है, अखलाक के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है, आसिफ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है। इसमें भाजपा का प्रवक्ता पूछता है – ‘क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते?’ कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे की हिन्दुत्व वाली सोच का अटूट हिस्सा है। मुसलमानो की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है।”

इस बीच एनसीपी नेता नवाब मलिक ने तंज कसते हुए कहा, ‘यदि भागवत जी का हृदय बदल रहा है तो हम उसका स्वागत करते हैं। वर्ण व्यवस्था में विश्वास करने वाला संगठन अगर धर्म की हदों को तोड़ना चाहता है तो यह अच्छी बात है। सभी भारतीयों का डीएनए एक, चाहे किसी भी धर्म के क्यों ना हों।’