धुबरी (असम), 14 मई। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य में विधानसभा चुनाव बाद हुई हिंसा पर चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील की है कि वह टकराव का रास्ता छोड़ें।
दरअसल, राज्यपाल धनखड़ ने शुक्रवार को उत्तर बंगाल में कूच बिहार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद नीतीश प्रमाणिक के साथ राज्य में धुबरी जिले के रनपगली में एक शिविर का दौरा किया, जहां खुद को भाजपा समर्थक बता रहे कई परिवारों ने, जिनमें ज्यादातर महिलाएं व बच्चे हैं, शरण ले रखी है। इन परिवारों का आरोप था कि विधानसभा चुनाव के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ता उनपर अत्याचार कर रहे थे।
शिविर में रहे लोगों ने दावा किया कि उन्होंने दो मई को चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से बंगाल में अपने घर छोड़ दिए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने उनके घरों में तोड़-फोड़ की।
धनखड़ ने दौरे के बीच ट्वीट करते हुए कहा, ‘राज्य में लोग पुलिस थाने जाने से डर रहे हैं। सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं से पुलिस डरी हुई है। मैंने उन्हें वापस आने के लिए प्रोत्साहित किया है। मैं अपने सीने पर गोली लूंगा। मैं सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ मुख्यमंत्री से बात करूंगा। उन्हें जनादेश मिला है। सीएम को टकराव छोड़ देना चाहिए।’
उन्होंने सीतलकुची की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री ने शपथ लेने के बाद एसआईटी बनाई और एसपी को सस्पेंड किया। मैं सीएम से पूछना चाहता हूं कि जब पूरा राज्य जल रहा था, तब आप क्यों नहीं देख रहे थे।’
राज्यपाल ने सड़क मार्ग से कूच बिहार से रनपगली में शिविर तक की यात्रा की और चुनाव बाद की हिंसा से कथित तौर पर प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन्हें सीतलकुची में काले झंडे भी दिखाए गए, जहां चार ग्रामीण चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों की गोलीबारी में मारे गए थे जबकि जिले के दिनहाटा में उनके दौरे के वक्त ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए गए।