लखनऊ, 4 फरवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व सीएम व समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के उन आरोपों का जवाब दिया है, जो उन्होंने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान महाकुम्भ भगदड़ के संदर्भ में लगाए थे। अखिलेश ने भगदड़ में मारे गए लोगों के आंकड़े छिपाए जाने का यूपी सरकार पर आरोप लगाते हुए महाकुम्भ की व्यवस्था के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की मांग की थी।
सीएम योगी ने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कि कि कुछ लोगों ने सनातन के खिलाफ सुपारी ली थी। वे चाहते थे कि बड़ा हादसा हो। योगी ने साथ ही यह भी कहा कि विपक्ष का षड्यंत्र कामयाब नहीं होगा। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान को भी शर्मनाक बताया।
‘सनातन धर्म के खिलाफ ठेका लेने वाले झूठ के नए रिकॉर्ड बना रहे हैं‘
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन धर्म के खिलाफ ठेका लेने वाले तत्व झूठ और झूठ के नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। संसद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयान हर किसी का ध्यान इस ओर खींच रहे हैं। ये बयान केवल उनके सनातन विरोधी चेहरे को दर्शाते हैं। विपक्ष पहले दिन से ही महाकुम्भ के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार कर रही है। उनका बयान न केवल सनातन धर्म पर प्रहार है बल्कि निंदनीय और शर्मनाक भी है।’
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath says, “…New records of lies and falsehood are being made by elements taking a contract against Sanatana Dharma. Congress president Mallikarjun Kharge and SP chief Akhilesh Yadav’s statements in Parliament are drawing everyone’s… pic.twitter.com/TNNloGCXUP
— ANI (@ANI) February 4, 2025
कांग्रेस व सपा में खुद को ज्यादा सनातन विरोधी दिखाने की होड़
सीएम योगी ने खरगे पर हमला करते हुए कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में हजारों लोगों की मौत हो गई। हमें दुख है, इतने वरिष्ठ नेता और सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष से यह उम्मीद नहीं थी कि वह संसद में ऐसे विवादित बयान देंगे और गुमराह करेंगे। ऐसा ही एक बयान सपा प्रमुख ने दिया। दोनों पार्टियों में होड़ मची है कि कौन ज्यादा सनातन विरोधी हो सकता है…यह एक दुखद घटना थी।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मेला प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस ने तुरंत घायलों को अस्पताल पहुंचाया। यह अपने आप में एक उदाहरण है। उस दिन करोड़ों लोग प्रयागराज में थे। ये दोनों दल और सनातनी विरोधी चाहते थे कि कोई बड़ा हादसा हो जाए। हमारी पहली प्राथमिकता दुर्घटना-मुक्त मेला सुनिश्चित करना था, दुर्भाग्य से यह घटना हुई। हमने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और मुआवजे की घोषणा की।’
‘हमने हरसंभव प्रयास किये’
उन्होंने कहा, ‘जानमाल के नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती। लेकिन हमने हरसंभव प्रयास किये। घायलों को इलाज मुहैया कराया गया। हमने इसके लिए एक न्यायिक आयोग भी बनाया। लेकिन हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करना थी। पिछले 22 दिनों में 38 करोड़ श्रद्धालु यहां आए हैं। अगले 22-23 दिनों में और भी श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इन पार्टियों की साजिश सफल नहीं होगी। हम 29 जनवरी को हुई घटना की गहराई तक जाएंगे, साजिशकर्ताओं को बेनकाब करेंगे, पिछले आठ वर्षों में आपने देखा होगा कि यूपी में उन्हें कैसे सजा दी गई है और आने वाले समय में भी आप ये देखेंगे।’
इसके पूर्व दिन में अखिलेश यादव ने महाकुम्भ में मची भगदड़ के दौरान मारे गए लोगों के आंकड़े छिपाए जाने का आरोप लगाते हुए मांग की कि महाकुंभ की व्यवस्था के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और वहां विभिन्न व्यवस्थाएं सेना के हवाले की जाएं।

