हाथरस, 3 जुलाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस हादसे में 121 लोगों की मौत के पीछे सिर्फ हादसा ही नहीं बल्कि साजिश भी होने की आशंका जताई है। बुधवार को पूर्वाह्न घटनास्थल का दौरा करने के बाद सीएम योगी ने हादसे की न्यायिक जांच कराने का भी एलान करते हुए कहा कि हाई कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में इसकी जांच होगी और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी काररवाई की जाएगी।
अलीगढ़ एडीजी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने सौंपी प्रारंभिक रिपोर्ट
सीएम योगी ने कहा, ‘इस पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए अलीगढ़ एडीजी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई है। उन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट दी है। उन्हें इस घटना के तह में जाने के लिए कहा गया है। कई ऐसे पहलू हैं, जिनकी जांच होनी आवश्यक है। अब तक प्रथमदृष्टया हमारी काररवाई राहत और बचाव के अलावा आयोजकों को पूछताछ के लिए बुलाने पर केंद्रित है। हादसे के बारे में उनसे भी पूछताछ की जाएगी और जिम्मेदारों की लापरवाही तय की जाएगी है। इसके लिए एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
जनपद हाथरस में पत्रकार बंधुओं से वार्ता… https://t.co/aegJal8lyf
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इस प्रकार की घटना केवल एक हादसा नहीं हो सकती
मुख्यमंत्री के अनुसार इस बात को नजरंदाज नहीं किया जा सकता कि इस प्रकार की घटना केवल एक हादसा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि यदि हादसा भी है तो इसके पीछे कौन जिम्मेदार है। यदि घटना हुई है और हादसा नहीं तो साजिश है। इस साजिश के पीछे कौन है, इसके लिए न्यायिक जांच कराएंगे। इसकी जांच हाई कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में होगी। इसमें प्रशासन और पुलिस के भी रिटायर सीनियर अधिकारियों को रखकर पूरी घटना के तह में जाकर जांच करेंगे। जो भी दोषी होगा, उसे इसकी सजा देना और घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसे सुनिश्चित किया जाएगा। न्यायिक जांच के लिए नोटिफिकेशन आज ही जारी हो जाएगा।
जनपद हाथरस में हुई दु:खद दुर्घटना के संबंध में आज घटनास्थल का निरीक्षण किया। pic.twitter.com/KN8y8VsRuM
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घटनास्थल पर लोग मरते गए और सेवादार भागते चले गए
सीएम योगी ने कहा कि ऐसे आयोजनों में अंदर सेवादार और स्वयंसेवक ही पूरे व्यवस्था का संचालन करते हैं। जहां पर भीड़ अनुशासित होती है और श्रद्धा भाव के साथ लोग आते हैं तो अनुशासित ही रहते हैं। लेकिन जब यही कार्यक्रम निहित स्वार्थी तत्वों के हाथों का खिलौना बन जाता है तो अनुशासनहीनता का नजारा देखने को मिलता है। इसका शिकार निर्दोष व्यक्ति होता है, जो श्रध्दा के साथ आता है क्योंकि उसे साजिश का पता नहीं होता है। लेकिन साजिश करने वाले साजिश करके चुपचाप वहां से खिसक जाते हैं। यदि यह हादसा था तो सेवादारों को व्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहिए था। यदि सुदृढ़ नहीं कर पा रहे थे तो प्रशासन की मदद से हादसे का शिकार लोगों को अस्पताल पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए थी। वहां लोग मरते गए और सेवादार भागते चले गए।
उन्होंने कहा, ‘घटनास्थल पर मैं स्वयं गया था। हमारे तीन मंत्रियों के अलावा मुख्य सचिव और अन्य अफसर भी यहां पर कैंप कर रहे हैं। सीनियर प्रशासनिक और पुलिस के अफसर भी जिम्मेदारों की जवाबदेही की दिशा में कार्य कर रहे हैं। कुछ विशेष दल बनाए गए हैं। इसमें अलग-अलग दलों के जिम्मेदारों पर काररवाई तय करेंगे।’
हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में घायल हुए लोगों से आज अस्पताल में भेंट कर उनका कुशल-क्षेम जाना और चिकित्सकों से उनके उपचार के संबंध में जानकारी प्राप्त की।
कुशल चिकित्सकों के नेतृत्व में सभी का समुचित उपचार शीर्ष प्राथमिकता पर किया जा रहा है।
इस कठिन समय में राज्य सरकार… pic.twitter.com/z6Swp829Wu
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घटनास्थल का दौरा करने के बाद सीएम अस्पतालों में घायलों से मिले
इसके पहले सीएम योगी घटनास्थल भी गए। इसके बाद विभिन्न अस्पतालों का दौरा किया, जहां हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में घायल लोगों से भेंट कर उनका कुशल-क्षेम जाना। साथ ही चिकित्सकों से उनके उपचार के संबंध में जानकारी प्राप्त कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश दिए।
अब तक 121 लोगों की मौत, उनमें 6 अन्य राज्यों के श्रद्धालु थे
सीएम योगी ने मीडिया से बातचीत में 121 लोगों की मौत की पुष्टि की। उन्होंने साथ ही बताया कि 35 लोगों का इलाज हाथरस, आगरा और अलीगढ़ के अस्पतालों में चल रहा है, वे सभी खतरे से बाहर हैं। मृतकों में यूपी के अलावा एमपी, राजस्थान और हरियाणा से आए श्रद्धालु शामिल थे।
यूपी में 16 जिलों – हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, एटा, ललितपुर, शाहजहां पुरु, आगरा, फिरोजाबाद, नोएडा, मथुरा, औरैया, पीलीभीत, संभल और लखीमपुर खीरी जनपदों के लोग हादसे के शिकार हुए हैं। मृत 121 लोगों में से छह अन्य राज्यों से थे। इनमें एमपी और राजस्थान के एक-एक और हरियाणा के चार श्रद्धालु शामिल थे।