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काशी तमिल संगमम् 4.0 के शुभारंभ पर बोले सीएम योगी – पीएम मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार कर रहा यह आयोजन

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वाराणसी, 2 दिसम्बर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार की शाम धार्मिक नगरी काशी में गंगा किनारे स्थित दुनिया के सबसे बड़े घाट – नमो घाट पर बटन दबाकर विचार, परम्परा, अध्यात्म व एकता के संगम का पर्याय बन चुके ‘काशी तमिल संगमम्’ के चौथे संस्करण का भव्य शुभारंभ किया।

इन अतिथियों की रही उपस्थिति

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राज्यपाल तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन.रवि, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण व संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन, पुडुचेरी के उप राज्यपाल के.कैलाशनाथन के साथ ही उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, श्रम एवं सेवायोजन समन्वय मंत्री अनिल राजभर, स्टाम्प एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रवींद्र जायसवाल, आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, महापौर अशोक कुमार तिवारी, पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, एमएलसी धर्मेन्द्र सिंह व विधायक सौरभ श्रीवास्तव सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

सीएम योगी बोले – उत्तर-दक्षिण के शैक्षिक, सांस्कृतिक, आर्थिक संबंधों को मजबूत करता है यह आयोजन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी तमिल संगमम् के अवसर पर तीनों लोकों से न्यारी, मोक्ष दायिनी काशी मे लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि इस पूरे कार्यक्रम के केंद्र में देवाधिदेव महादेव हैं। यह आयोजन उत्तर-दक्षिण के शैक्षिक, सांस्कृतिक, आर्थिक संबंधों को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम् का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार करने वाला है। यह आयोजन उत्तर भारत की सांस्कृतिक, आर्थिक, सामाजिक भागीदारी के नए द्वार खोल रहा है।

दो संस्कृतियों को जोड़ना इस आयोजन का उद्देश्य – धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने संबोधन की शुरुआत ‘वणक्कम काशी, वणक्कम तमिलनाडु, वणक्कम काशी तमिल संगमम्’ से की। उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम् के आयोजन का उद्देश्य दो संस्कृतियों को जोड़ना है। पहले चरण के आयोजन से लेकर चौथे चरण के आयोजन को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि काशी तमिल संगमम् के पहले संस्करण का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

एक जनांदोलन बन चुका है काशी तमिल संगमम्

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि काशी तमिल संगमम् एक जनांदोलन बन चुका है। आज काशी तमिल के बीच  ऐसा संबंध बन चुका है जिसकी गूंज सदियों तक रहेगी। धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा इस बार का थीम तमिल सीखिए यानि तमिल करकलाम है। जो कि इस आयोजन को और अनूठा बनाती है। इस बात तमिलनाडु के शिक्षक काशी क्षेत्र में आकर छात्रों को तमिल सीखाएंगे, वहीं काशी क्षेत्र के छात्र तमिलनाडु जाकर तमिल सीखेंगे जो कि एक नई शुरुआत है।

उन्होंने कहा कि भाषा कोई समस्या नहीं है। सदियों से तमिलनाडु के लोग काशी आते हैं और काशी से बड़ी संख्या में लोग तमिलनाडु जाते हैं। इस बार का आयोजन इस मामले में और भी अनूठा है कि आज तेनकाशी से कार रैली का शुभारंभ हुआ है, जो दो हजार किलोमीटर की यात्रा करके 10 दिसंबर को कार रैली काशी पहुंचेगी। इस रैली का काशीवासी भव्य रुप से स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम् एक अद्वितीय कार्यक्रम है और इस बार का आयोजन और भी भव्य होगा।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने काशी तमिल संगमम् 4.0 के शुभारंभ अवसर पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुरु किए गए इस अभियान की सराहना की।

तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में तमिलनाडु बसता है। यही कारण है कि उन्होंने तमिल भाषा को विश्व पटल पर लाने के लिए कई प्रयास किए। इसी क्रम में काशी तमिल संगमम् यात्रा की शुरुआत हुई। यह हमारी संस्कृति के पुर्नजागरण का सिंहनाद है। हर वर्ष इसके आयोजन का एक उद्देश्य होता है। इसलिए इस बार का थीम है – ‘चलो तमिल सीखे।’ क्योंकि पीएम मोदी की सोच है कि तमिल भाषा भारत का गौरव है और इस भाषा को सम्मान मिलना चाहिए।” उन्होंने बीएचयू और गुवाहाटी विश्वविद्यालय का जिक्र किया जहां तमिल भाषा में पढ़ाई होती है।

उप राष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने वीडियो संदेश में आयोजन की सराहना की

इससे पूर्व भारत के उप राष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन का वीडियो संदेश प्रसारित किया गया, जिसमें उन्होंने काशी तमिल संगमम कार्यक्रम की सराहना की।

एक माह तक चलने वाले इस सांस्कृतिक, शैक्षणिक और आध्यात्मिक संगम में तमिलनाडु से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि अलग-अलग जत्थों में काशी पहुंचेंगे। उद्घाटन समारोह के लिए पहुंचे पहले जत्थे का वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या में अनुभवात्मक दौरा शुरू हो गया है। यह उन्हें इस क्षेत्र की विरासत और ज्ञान परंपराओं के साथ एक गहन और समृद्ध जुड़ाव प्रदान करेगा।

तमिलनाडु से आने वाले प्रतिनिधियों के यात्रा कार्यक्रम में वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या के विश्वविद्यालयों, विरासत स्थलों, मंदिरों, शिल्प समूहों और ज्ञान संस्थानों के दौरे के साथ-साथ विद्वानों, छात्रों, कारीगरों और स्थानीय समुदायों के साथ बातचीत शामिल है। प्रत्येक पड़ाव को एक स्तरीय अनुभव प्रदान करने के लिए आंशिक रूप से सीखने का अभियान, आंशिक रूप से सांस्कृतिक घर वापसी आदि के लिए डिज़ाइन किया गया है।

काशी तमिल संगमम 4.0 का आयोजन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से रेलवे, संस्कृति, पर्यटन, कपड़ा और युवा मामले एवं खेल सहित दस केंद्रीय मंत्रालयों की भागीदारी से किया जा रहा है। आईआईटी मद्रास और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय संगमम के नॉलेज पार्टनर हैं, जो इस पहल को शैक्षणिक मजबूती दे रहे हैं।

इस वर्ष का विषय तमिल सीखें-तमिल करकलम

इस वर्ष का विषय, “तमिल सीखें-तमिल करकलम”, तमिल सीखने को बढ़ावा देने और भारत की शास्त्रीय भाषाई विरासत के प्रति व्यापक समझ विकसित करने पर नए सिरे से ज़ोर देता है। इस संस्करण में हिस्सा लेने वाले विविध समूहों में छात्र, शिक्षक, लेखक, मीडिया पेशेवर, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के व्यवसायी, महिला नेता, पेशेवर, कारीगर और आध्यात्मिक विद्वान शामिल हैं।  संवाद, परंपरा और अन्वेषण के अपने मिश्रण के साथ काशी तमिल संगमम 4.0 की शुरुआत प्रतिभागियों को एक जीवंत मंच उपलब्ध कराता है, जो भारत की साझा विरासत का जश्न मना रहा है। इस अवसर पर काशी एवं तमिलनाडु के कलाकारों ने भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।

काशी तमिल संगमम् के उद्घाटन के पश्चात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंदीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ श्री काशी विश्वनाथ मंदिर एवं बाबा कालभैरव मंदिर में विधिवत् दर्शन पूजन किया।

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