लखनऊ, 28 सितम्बर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को प्रतिबंधित किये जाने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि नए भारत में देश की सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन और व्यक्ति स्वीकार्य नहीं हैं।
योगी ने बुधवार को कहा, “राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके अनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य है। यह ‘नया भारत’ है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं हैं।”
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने पीएफआई तथा उससे संबद्ध संगठनों को गैर कानूनी क्रियाकलापों में लिप्त पाए जाने पर गैर कानूनी संगठन घोषित किया है। मंगलवार देर रात जारी अधिसूचना में संगठन पर तत्काल प्रभाव से 5 वर्ष तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि पीएफआई युवाओं, छात्रों, महिलाओं, इमामों, वकीलों और समाज के कमजोर वर्गों में पहुंच बढ़ाकर गुप्त एजेंडे के तहत एक वर्ग विशेष को कट्टर बना रहा है। संगठन का उद्देश्य लोकतंत्र की अवधारणा को कमजोर करना और संविधान के खिलाफ कार्य करना है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी दी प्रतिक्रिया
जबकि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध का स्वागत करता हूं,राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का पर्याय और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन चुका था पीएफआई,राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाला है यह फैसला।”
केंद्र सरकार ने पीएफआई के साथ-साथ रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल वीमेन फ्रंट, एंपावर फाउंडेशन पर भी पाबंदी लगाई गई है। पीएफआई पर बीते कुछ दिनों से एनआईए और ईडी की कार्रवाई यूपी समेत कई राज्यों में लगातार जारी है। इस दौरान मंगलवार तक 237 गिरफ्तारी हो चुकी है।