पटना, 14 मार्च। बिहार विधानसभा में सोमवार को उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा पर भड़क गए और संविधान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें इसका पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘न तो हम किसी को फंसाते हैं और न ही किसी को बचाते हैं। यह काम सरकार का नहीं है।’
सरस्वती पूजा के दौरान लखीसराय की घटना को लेकर हुई कहासुनी
दरअसल यह पूरी कहासुनी सरस्वती पूजा के दौरान लखीसराय की घटना को लेकर हुई। लखीसराय में सरस्वती पूजा के दौरान कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। यह बात सामने आई कि गिरफ्तार व्यक्ति विधानसभा अध्यक्ष का करीबी है। इसे ही लेकर स्पीकर ने पुलिस के रवैये को लेकर नाराजगी जताई थी। इस मामले पर पिछले कुछ दिनों से बिहार विधानसभा में हंगामा चल रहा है।
‘विशेषाधिकार समिति जो रिपोर्ट पेश करेगी, हम उसपर विचार करेंगे‘
विधानसभा में सोमवार को भी यही मामला उठा। इस पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सदन में रोज-रोज एक मामला उठाने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा, ‘विशेषाधिकार समिति जो रिपोर्ट पेश करेगी, हम उसपर विचार करेंगे। हम देखेंगे कि कौन सा पक्ष सही है और कौन गलत।’
नीतीश कुमार ने कहा, ‘किसी मामले की जांच हो रही है तो उसमें हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। जब जवाब दे दिया गया कि जांच हो रही और कहा गया है कि पूरी जांच होगी तो आपको रिपोर्ट से मतलब है या फिर रिपोर्ट कोर्ट जाएगी?’
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इस पर कहा कि आसन की भी बात सुनी जाए तो नीतीश ने उन्हें रोकते हुए कहा कि संविधान देख लीजिए। स्पीकर ने इस पर फिर कहा कि आपके मंत्री कुर्क-जब्ती पर जवाब नहीं दे पाए तो नीतीश कुमार ने कहा कि कहीं भी क्राइम होगा तो रिपोर्ट कोर्ट में जाएगी, आपका रिपोर्ट देखने का काम नहीं है। ऐसे नहीं चलेगा। कोर्ट सजा देगी। आपका यह काम नहीं है। आप पूछ रहे हैं, जवाब दिया जा रहा है।’
स्पीकर बोले – आसन को हतोत्साहित करने की बात न हो
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘यह मेरे क्षेत्र का मामला है और दोषियों पर काररवाई न करके निर्दोष को फंसाया गया है। आसन को हतोत्साहित करने की बात न हो। सरकार गंभीरता से काररवाई क्यों नहीं कर रही है। आप लोगों ने ही मुझे विधानसभा अध्यक्ष बनाया है।’