रांची, 29 दिसम्बर। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को पिछड़ों और दलितों को नए वर्ष का तोहफा देते हुए कहा कि अब राज्य के आदिवासी और दलित 50 वर्ष की उम्र होते ही पेंशन लाभ के हकदार होंगे। राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत सरकार के चार वर्ष पूरे होने के मौके पर यहां मोराबादी मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोरेन ने यह घोषणा की।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा, ‘सरकार ने आदिवासी और दलितों को 50 की उम्र में पहुंचते ही पेंशन लाभ प्रदान करने का फैसला किया है। उनमें मृत्यु दर अधिक रहती है और उन्हें 60 वर्ष के बाद नौकरियां भी नहीं मिलतीं।’
झामुमो सरकार ने 36 लाख लोगों को पेंशन प्रदान की
सोरेन ने दावा किया कि 2000 में झारखंड की स्थापना के बाद 20 वर्षों में सिर्फ 16 लाख लोगों को पेंशन मिली। लेकिन उनकी सरकार ने 36 लाख लोगों को पेंशन प्रदान की है, जिनमें से अधिकतर की उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है। उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार के चार वर्षों में हमने 36 लाख लोगों को पेंशन प्रदान की है, जिनमें 60 की उम्र से ज्यादा के बुजुर्ग, 18 वर्ष की उम्र से अधिक की विधवाएं और शारीरिक रूप से अक्षम लोग शामिल हैं।’
राज्य सरकार जन कल्याण के लिए अथक रूप से कार्यरत
उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार जन कल्याण के लिए अथक रूप से कार्य कर रही है और बहुत सी योजनाएं ऐसी हैं, जिन्हें पहली बार लागू किया जा रहा है, जिसमें सरकार का पहुंच कार्यक्रम ‘आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार’ भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस योजना का मकसद ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ उनके घर तक पहुंचाना है।