मुंबई, 28 जुलाई। महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी गांव में बाढ़ और भूस्खलन में बचे लोगों के पुनर्वास के लिए एक भूखंड की पहचान की गई है, जहां ‘सिडको’ उनके वास्ते स्थायी घरों का निर्माण करेगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को इस आशय की घोषणा की। उन्होंने बारिश और बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए और वित्तीय सहायता की भी घोषणा की।
गौरतलब है कि इरशालवाड़ी गांव में गत 19 जुलाई को हुए भूस्खलन में कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई थी और 57 अन्य लापता हैं। शिंदे ने महाराष्ट्र विधानसभा में कहा कि बाढ़ और भूस्खलन में बचे लोगों को फिलहाल ‘कंटेनर’ में रखा गया है और शहर एवं औद्योगिक विकास निगम (सिडको) उनके लिए स्थायी घर बनाएगा।
शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए शिंदे ने कहा, ‘कुछ लोग वैनिटी वैन में बैठकर इरशालवाड़ी में जीवित बचे लोगों से मिलने पहुंचे, जबकि मेरे जैसे लोग कीचड़ में चलकर गए। हम वे लोग हैं, जो जमीन पर काम करते हैं, घर से नहीं।’
बारिश और बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक परिवार को 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार लोगों के कल्याण के लिए काम करती है और राज्य के विकास के वास्ते केंद्र से धन मांगते समय अहंकार नहीं पालती है। उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक परिवार को 5,000 रुपये की जगह 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी जबकि छोटी दुकान वालों को 50,000 रुपये और टपरी वालों (सड़क किनारे रेहड़ी लगाने वालों) को 10,000 रुपये दिए जाएंगे।
प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों को अक्टूबर तक दी जाएगी वित्तीय सहायता
एकनाथ शिंदे ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों को जून से अक्टूबर 2023 तक वित्तीय सहायता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कृषि श्रमिकों का ‘मानदेय’ 6,000 रुपये से बढ़ाकर 16,000 रुपये कर दिया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि समय पर बकाया चुकाने वाले 14.5 लाख किसानों को 50-50 हजार रुपये दिए जा चुके हैं और अन्य 50,000 किसानों को भी यह राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार किसानों को एक रुपये में फसल बीमा उपलब्ध करा रही है।