अमरावती, 27 सितम्बर। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष व पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी पर पलटवार करते हुए कहा कि एनडीए सरकार ने तिरुमाला की उनकी यात्रा में बाधा नहीं डाली और वह झूठ फैला रहे हैं।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि जगन मोहन को भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की यात्रा रोकने के लिए कोई नोटिस नहीं दी गई। उन्होंने कहा, ‘क्या किसी ने आपको जाने से रोका? अगर आपके पास कोई नोटिस है तो उसे मीडिया को दिखाएं। आप झूठ क्यों फैला रहे हैं।’ नायडू ने इसके साथ ही जगन से उनके धर्म को लेकर भी सवाल पूछा। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से मस्जिदों के प्रमुख उसी धर्म के होते हैं, वैसे ही हिन्दू मंदिरों के प्रमुख भी हिन्दू धर्म से होंगे और इसको लेकर कानून लाने की तैयारी है।
जगन मोहन ने वेंकटेश्वर मंदिर का अपना निर्धारित दौरा रद कर दिया
दरअसल आंध्र प्रदेश के विपक्षी दल युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के प्रमुख वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने तिरुमाला की पहाड़ियों पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर मंदिर का अपना निर्धारित दौरा रद कर दिया। चर्चा का विषय बन चुके उनके इस दौरे की घोषणा उनकी पार्टी द्वारा आहूत राज्यव्यापी मंदिर प्रार्थना अनुष्ठान के तहत की गई थी ताकि तिरुपति प्रसादम (लड्डुओं) के संबंध में आरोप लगाकर मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कथित रूप से जो ‘पाप’ किया, उसका प्रायश्चित किया जा सके।
राजनीतिक लाभ उठाने के लिए हिन्दू धर्म का इस्तेमाल कर रही TDP – रेड्डी
इस विवाद की जड़ में वह आरोप है, जिसमें कहा गया है कि प्रसादम के तौर पर दिए जाने वाले लड्डुओं की तैयारी में कथित रूप से पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया है। रेड्डी ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम नायडू पर आरोप लगाया कि वह और उनकी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) हिन्दू धर्म का राजनीतिक लाभ उठाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा नायडू का समर्थन कर रही है, बजाय इसके कि उसे गंदी राजनीति करने से रोके।
चंद्रबाबू ने रेड्डी पर अपने धर्म का खुलासा न करने का लगाया आरोप
दूसरी ओर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जगन मोहन रेड्डी पर हमला बोलते हुए उन पर अपने धर्म का खुलासा न करने का आरोप लगाया। नायडू ने कहा कि जो भी व्यक्ति मंदिर जाना चाहता है, उसे वहां की परम्पराओं और रीति-रिवाजों का सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन मोहन रेड्डी तिरुमला जाने से क्यों ‘बच’ रहे हैं, मैं इसकी वजह नहीं जानता। वह (जगन मोहन रेड्डी) तिरुमाला जाकर भगवान बालाजी की पूजा करने से बचते हैं क्योंकि वह अपने धर्म-संबंधी घोषणा पत्र देने में रुचि नहीं रखते। मैंने कहा है कि हम एक ऐसा कानून लाएंगे, जिसमें मंदिरों के प्रमुख उसी धर्म के होने चाहिए, जैसे चर्च और मस्जिदों के होते हैं। हमने कभी किसी दलित को मंदिरों में प्रवेश करने से नहीं रोका और न ही ऐसे बयान दिए।’
‘मंदिरों की परंपराओं और भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों को नहीं बख्शूंगा‘
नायडू ने कहा, ‘मुझे बहुत दुख है कि प्रसादम की तैयारी में चार टैंकर मिलावटी घी का इस्तेमाल हुआ। टीटीडी में पहले कभी मिलावट परीक्षण नहीं हुए थे, लेकिन हमने विश्वस्तरीय परीक्षण उपकरण प्रयोगशालाओं की शुरुआत की है और देशभर के विशेषज्ञों से सलाह करेंगे। टीटीडी की पवित्रता हमारी प्राथमिकता है। मैं किसी को भी बख्शूंगा नहीं, जो मंदिरों की परंपराओं और भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा।’
उल्लेखनीय है कि जगन मोहन रेड्डी का यह दौरा आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों की इस मांग के बीच रद किया गया है कि उन्हें मंदिर में प्रवेश से पहले अपनी आस्था स्पष्ट करनी चाहिए। रेड्डी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में हर व्यक्ति उनका धर्म जानता है और वह मुख्यमंत्री बनने से पहले भी कई बार तिरुमाला मंदिर जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि वैसे तो वह घर के अंदर बाइबिल पढ़ते हैं, लेकिन वह इस्लाम, हिन्दुत्व एवं सिख धर्म का सम्मान करते हैं।