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सीएम बीरेन सिंह ने कहा – नशीली दवाओं की तस्करी और अवैध पोस्त की खेती मणिपुर में सारी हिंसा की जड़

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इम्फाल, 27 जुलाई। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने गत तीन मई से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जारी हिंसा को हिन्दू और ईसाई के बीच का विवाद मानने से इनकार करते हुए कहा है कि इस बात का भ्रम फैलाया जा रहा है, लेकिन यह पूरी तरह से झूठ है। हिंसा और तनाव के इस भारी माहौल के बीच मणिपुर में कई चर्च आज भी पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

मणिपुर की हिंसा के लिए सीधे तौर पर विदेशी ताकतें जिम्मेदार

सीएम बीरेन सिंह ने कारगिल दिवस के मौके पर कहा कि मणिपुर की जातीय हिंसा का मुद्दा यूरोपीय संसद में उठाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके साथ ही उन्होंने मिजोरम के पड़ोसी राज्यों की भी इस बात के लिए आलोचना की कि वो राज्य के आंतरिक मुद्दे में दखल देने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर की हिंसा के लिए सीधे तौर पर विदेशी ताकतें जिम्मेदार हैं और सारा कुछ उनकी योजना के अनुसार हुआ है क्योंकि वो सीमावर्ती मणिपुर को हथियाने की कोशिश कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सारी हिंसा के पीछे मूल विवाद नशीली दवाओं की तस्करी, अवैध पोस्त की खेती, सत्ता हथियाने की कोशिश है। प्रायोजित हिंसा से राज्य की एकता के विघटित की साजिश रची जा रही है। सरकार को कुकी भाइयों और बहनों के प्रति कोई शिकायत नहीं है।’

पड़ोसी राज्य मिजोरम के सीएम जोरमथांगा पर भी साधा निशाना

सीएम बीरेन सिंह ने पड़ोसी राज्य मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा का जिक्र करते हुए कहा, ‘मिजोरम लंबे संघर्ष के बाद असम से अलग होकर नया राज्य बना, लेकिन मणिपुर का इतिहास 2,000 वर्षों का है। हमने बर्मा, चीन के कई दुश्मनों का सामना किया है और मजबूती से खड़े रहे हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए और जोरमथांगा को भी यह नहीं भूलना चाहिए।’

उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा स्थिति में यहां हिन्दू और ईसाई के बीच कोई टकराव नहीं है और मणिपुर में बहुत सारे चर्च सुरक्षित हैं। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि वे रो रहे हैं और मनगढ़ंत कहानियां बना रहे हैं, खुद को पीड़ित के रूप में पेश कर रहे हैं और इस मुद्दे को यूरोपीय संसद में उठा रहे हैं।

मणिपुर के खिलाफ जो साजिश हो रही है, उसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे

बीरेन सिंह ने बेहद सख्त लहजे में कहा, ‘मणिपुर के खिलाफ जो साजिश हो रही है, उसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे। जो इस विवाद को विदेशों में फैल रहे हैं, क्या वो यूरोपीय देश जमीनी हकीकत के बारे में जानते हैं? क्या वे मणिपुर के बारे में जानते थे? उन्होंने भारत को नष्ट कर दिया, उन्होंने मणिपुर को बर्बाद कर दिया है।’

‘हम राज्य सरकार के खिलाफ सुनियोजिद युद्ध का सामना कर रहे

उन्होंने कहा, ‘मैं मणिपुर के लोगों से यही कहना चाहता हूं कि हम जिस युद्ध का सामना कर रहे हैं, वह राज्य सरकार के खिलाफ एक सुनियोजित युद्ध है। युद्ध करने वालों ने किताबें लिखी हैं और इम्फाल घाटी तक का सीमांकन किया है। हमें इसकी जानकारी नहीं थी। उन्होंने रणनीतियां बनाईं, जिनमें इम्फाल घाटी भी शामिल है। उन्हें देश के बाहर के आतंकवादियों का भी समर्थन प्राप्त है।’

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