चंडीगढ़, 17 मार्च। पंजाब के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान पदभार संभालते ही एक्शन मोड में आ गए हैं। इस क्रम में उन्होंने राज्य में भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन शुरू करने की घोषणा की है। 23 मार्च को शहीद दिवस के अवसर पर यह हेल्पलाइन शुरू की जाएगी और प्रदेश के लोग ह्वाट्सएप के जरिए भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
गौरतलब है कि 117 विधानसभा सीटों वाले राज्य में आम आदमी पार्टी ने सत्तारूढ़ कांग्रेस के अलावा भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल सरीखे प्रतिद्वंद्वियों को धूल चटाते हुए 92 सीटों के बंपर बहुमत से पहली बार सत्ता संभाली है और भगवंत मान ने 24 घंटे पूर्व ही शहीद-ए-आजम भगत सिंह के गांव खटकड़ कलां में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भगंवत मान ने चुनाव के पहले ही सीएम का चेहरा घोषित कर दिया था।
अब पंजाब में भ्रष्टाचार नहीं चलेगा!@BhagwantMann Govt to launch Anti-Corruption Helpline Number on Shaheed Diwas, 23rd March 2022
Just Record & Share a Video/Audio on your CM's personal WhatsApp no! pic.twitter.com/yJfcdU7TyW
— AAP (@AamAadmiParty) March 17, 2022
पंजाब में अब भ्रष्टाचार नहीं रहेगा, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ होगी सख्त काररवाई
सीएम सीएम भगवंत मान ने एक ट्वीट में कहा, ‘हम भगत सिंह की शहादत के दिन भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन नंबर जारी करेंगे। वह मेरा व्यक्तिगत ह्वाट्सएप नंबर होगा। अगर कोई आपसे घूस मांगता है तो उसकी वीडियो/ऑडियो रिकॉर्डिंग मुझे भेजें। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त काररवाई की जाएगी। पंजाब में अब भ्रष्टाचार नहीं रहेगा।’
भगत सिंह जी के शहीदी दिवस पर, हम anti-corruption हेल्पलाइन नम्बर जारी करेंगे। वो मेरा पर्सनल वॉट्सऐप नंबर होगा। अगर आपसे कोई भी रिश्वत मांगे, उसकी वीडियो/ऑडियो रिकॉर्डिंग करके मुझे भेज देना। भ्रष्टाचारियों के ख़िलाफ़ सख्त एक्शन लिया जाएगा।
पंजाब में अब भ्रष्टाचार नहीं चलेगा।
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) March 17, 2022
भगवंत मान के इस एलान के बाद दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने भी कहा, ‘जब कोई आपसे रिश्वत मांगे तो ना न कहें बल्कि बातचीत रिकॉर्ड करें और वीडियो/ऑडियो ह्वाट्सएप नंबर पर भेजें। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि तत्काल सख्त काररवाई की जाएगी।’
मान ने अधिकारियों के साथ की बैठक
इस बीच सीएम भगवंत मान ने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली बैठक को संबोधित किया। उन्होंने राज्य के सिविल और पुलिस प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों से लोक सेवक के रूप में अपने कर्तव्यों का अक्षरश: निर्वहन करने का आग्रह किया।