जयपुर, 26 सितम्बर। राजस्थान में जारी सियासी संकट और सीएम पद की खींचतान के बीच कांग्रेस पर्यवेक्षक अजय माकन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दोहरे खेल व उनके गुट के विधायकों की जिद के बाद गहलोत बनाम सचिन पायलट विवाद का पूरा कच्चा चिट्ठा खोल दिया है।
अजय माकन ने कहा, ‘मैं और मल्लिकार्जुन खड़गे बतौर ऑब्जर्वर जयपुर आए। कांग्रेस विधायक दल की बैठक सीएम गहलोत से पूछकर उनकी अनुमति से और सहमति से रखा गया। सीएम आवास पर शाम 7 बजे यह मीटिंग रखी गई थी। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि जो विधायक नहीं आए, उनको हम लोग लगातार कह रहे हैं कि हम वन टू वन सभी की बात सुनने के लिए तैयार हैं। खड़गे जी और मैं अलग से बैठकर सभी की बात सुनेंगे। उनको ये भी कहा कि अभी कोई फैसला नहीं हो रहा है।’
कांग्रेस विधायकों ने रखी तीन शर्तें
माकन ने कहा, ‘हमने विधायकों से साफ कहा कि आप जो भी बात कहेंगे, उसे हम दिल्ली जाकर बताएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष सभी की बात सुनकर हरेक से वन टू वन बात करने को तैयार हैं। उसके बाद उनके नुमाइंदे के रूप में तीन विधायक – शांति धारीवाल, डॉ. सी.पी. जोशी और प्रताप खाचरियावास हमारे पास आए और उन्होंने तीन शर्तें रखीं।’
‘जो भी प्रस्ताव पास होगा, वह 19 अक्टूबर के बाद लागू हो‘
बकौल माकन, ‘सबसे पहले विधायकों ने कहा कि अगर आपको प्रस्ताव पास करना है कांग्रेस अध्यक्ष पर छोड़ने का, तो बेशक करें। उसका फैसला 19 अक्टूबर के बाद होना चाहिए। ऐसे में हमने कहा कि अगर अशोक गहलोत खुद कह चुके हैं कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के उम्मीदवार हैं। अभी वह राजस्थान में मुख्यमंत्री पद पर अध्यक्ष को फैसला लेने का प्रस्ताव होगा तो अगर गहलोत अध्यक्ष बनते हैं तो वह अपने ही प्रस्ताव पर खुद ही बतौर अध्यक्ष फैसला लेंगे। इससे बड़ा कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट कुछ नहीं होगा। इसलिए आप इसको मत करिए। इसपर उन्होंने कहा कि आपको पब्लिकली कहना होगा कि बेशक आज प्रस्ताव पास होगा, लेकिन वह 19 अक्टूबर के बाद लागू होगा।’
वन टू वन की जगह ग्रुप में आने की जिद पर अड़े विधायक
माकन ने कहा, ‘जब हमने कहा कि वन टू वन बात करेंगे तो उन्होंने कहा कि हम ग्रुप्स में आएंगे। हमने कहा कि कांग्रेस की हमेशा से प्रथा रही है कि हम वन टू वन बात करते हैं। ताकि विधायक स्वतंत्र रूप से अपनी बात कह सकें। तीसरी बात उन्होंने कहा कि 102 विधायक उस वक्त अशोक जी के प्रति वफादार थे, उनमें से ही किसी को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। सचिन पायलट या उनके ग्रुप्स से किसी को नहीं बनाया जाना चाहिए। हमने कहा कि जब हम एक-एक करके सबसे मिलेंगे, तब आपकी भावना और एक-एक विधायकों की राय कांग्रेस आलाकमान को बताई जाएगी। उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष अशोक गहलोत से बात करके फैसला लेंगी। इसलिए किसी को इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए कि आपकी भावना ऊपर तक नहीं जाएगी। लेकिन वे लोग लगातार आग्रह करते रहे कि ये तीनों बातें रिजोल्यूशन का हिस्सा हो।’
‘प्रस्ताव एक लाइन का होता है, शर्तों पर नहीं‘
अजय माकन ने कहा, ‘हमने उनसे साफ तौर से कहा कि कांग्रेस के इतिहास में कभी शर्त लगाकर रिजोल्यूशन नहीं होता है। रिजोल्यूशन एक लाइन का होता है और कांग्रेस अध्यक्ष को सारी बातों की जानकारी दी जाती है, जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष फैसला लेते हैं। कांग्रेस में कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट नहीं होना चाहिए कि आज रिजोल्यूशन पास कराइए और कल बतौर अध्यक्ष आप उसी रिजोल्यूशन पर फैसला लीजिए।’
विधायकों की मांग अस्वीकार, खड़गे और माकन खाली हाथ दिल्ली लौटेंगे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट बताकर हमने और मल्लिकार्जुन जी ने उन्हें मना कर दिया है। हमने साफ कर दिया है हम एक-एक से बात करेंगे और सबकी भावना का ख्याल रखते हुए फैसला लेंगे। इतना कहकर हमलोग उनका इंतजार करते रहे, लेकिन वे लोग नहीं आए। अब मैं और मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली जा रहे हैं। सारी रिपोर्ट हम लोग कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपेंगे।’
कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया, अब तक साफ नहीं
माकन ने यह भी स्पष्ट किया, ‘अभी यह साफ नहीं है कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया है। हमें पूरी उम्मीद है कि कांग्रेस के सभी विधायकों के साथ मिल बैठकर बात करेंगे। इसके बाद आगे का रास्ता निकलेगा।’
धारीवाल के घर बुलाई गई बैठक अनुशासनहीनता – माकन
शांति धारीवाल के घर पर विधायकों की मीटिंग बुलाए जाने पर माकन ने कहा कि प्राथमिक रूप से यह अनुशासनहीनता है। जब एक आधिकारिक मीटिंग बुलाई गई है, उसी के समांनतर कोई अनऑफिशियल मीटिंग बुलाई गई है तो यह प्राथमिक दृष्टि से अनुशासनहीनता है। देखेंगे इसपर आगे क्या काररवाई करते हैं।’