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दिल्ली आबकारी नीति केस : CM अरविंद केजरीवाल को मिली नियमित जमानत, शुक्रवार को जेल से हो सकते हैं रिहा

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नई दिल्ली, 20 जून। दिल्ली के कथित आबकारी नीति केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार की शाम आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नियमित जमानत प्रदान कर दी। वैकेशन जज न्याय बिंदु ने इस मामले की सुनवाई के बाद केजरीवाल को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी। केजरीवाल अब जमानत की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शुक्रवार को तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते हैं।

सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि ईडी के पास केजरीवाल के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, इसलिए उन्हें बेल नहीं मिलनी चाहिए। वहीं बचाव पक्ष ने दावा किया था कि अभियोजन पक्ष के पास AAP नेता को दोषी ठहराने के लिए कोई सबूत नहीं है।

जमानत आदेश पर 48 घंटे की रोक लगाने की ईडी की मांग भी खारिज

अदालत ने अरविंद केजरीवाल के जमानत आदेश पर 48 घंटे के लिए रोक लगाने की ED की अपील भी खारिज कर दी। दरअसल, ईडी ने आदेश पर रोक लगाने की मांग की और अदालत से जमानत बॉण्ड पर हस्ताक्षर करने के लिए 48 घंटे का समय देने को कहा, ताकि आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती दी जा सके। हालांकि, जज ने कहा कि आदेश पर कोई रोक नहीं होगी। जमानत बॉण्ड शुक्रवार को ड्यूटी जज के सामने पेश किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वैकेशन जज ने गुरुवार को दिन में केजरीवाल की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

कोर्ट ने बुधवार को 3 जुलाई तक बढ़ा दी थी न्यायिक हिरासत

अदालत ने बुधवार को इस मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत तीन जुलाई तक बढ़ा दी थी। आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल को, उनकी न्यायिक हिरासत खत्म होने पर कल वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया गया था। इस दौरान विशेष जज न्याय बिंदु ने उनकी न्यायिक हिरासत तीन जुलाई तक बढ़ा दी थी।

लोकसभा चुनाव के पहले 21 मार्च को हुई थी केजरीवाल की गिरफ्तारी

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले गत 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके बाद उन्हें एक अप्रैल को तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। हालांकि, 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए उन्हें एक जून तक अंतरिम जमानत दे दी थी, जिसके बाद दो जून को उन्होंने वापस जेल में सरेंडर किया था। आम आदमी पार्टी ने चुनाव के दौरान आक्रामक ‘जेल का जवाब वोट से’ अभियान चलाया और केजरीवाल ने अपनी रैलियों और रोड शो में बार-बार दावा किया कि अगर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की जीत हुई, तो उन्हें वापस जेल नहीं जाना पड़ेगा।

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