नई दिल्ली, 3 मार्च। रूसी हमले का सामना कर रहे यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को बचाने की याचिका पर सुनवाई कर रहे देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन.वी. रमना ने एक सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला देते हुए आश्चर्य जताया कि क्या वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से युद्ध रोकने के लिए कह सकते हैं।
सीजेआई रमना ने मामले की सुनवाई के दौरान गुरुवार को कहा, ‘सोशल मीडिया पर मैंने कुछ वीडियो देखे, जिसमें कहा जा रहा था कि सीजेआई क्या कर रहे हैं! क्या मैं रूस के राष्ट्रपति को युद्ध रोकने का निर्देश दे सकता हूं।’
छात्रों के साथ पूरी सहानुभूति, सरकार अपना काम कर रही
सीजेआई ने यूक्रेन की सीमाओं पर कथित तौर पर फंसे 200 से अधिक भारतीय छात्रों को बचाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘छात्रों के साथ हमारी पूरी सहानुभूति है। भारत सरकार अपना काम कर रही है।’ सुप्रीम कोर्ट ने बाद में अटॉर्नी जनरल से रोमानिया सीमा के पास यूक्रेन में फंसे भारतीय मेडिकल छात्रों को निकालने में मदद करने को कहा।
इससे पहले आज भारत ने रूस और यूक्रेन, दोनों देशों के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें खारकीव में भारतीय छात्रों को बंधक बनाए जाने बात कही गई है। भारत ने कहा कि उसे किसी छात्र के बंधक बनाए जाने की स्थिति का सामना करने जैसी कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन प्रशासन से आग्रह किया गया है कि खारकीव एवं आसपास के क्षेत्रों से छात्रों को बाहर निकालकर देश के पश्चिमी हिस्से में ले जाने के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था करें।