नई दिल्ली, 17 फरवरी। यूक्रेन पर रूसी हमले की आशंका से चिंतित भारत सरकार ने यूक्रेन और भारत के बीच उडानों पर लगा प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है। नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि अब से दोनों देशों के बीच चार्टर्ड, एयर बबल और सामान्य, सभी तरह की उडानों को अनुमति दे दी गई है।
मंत्रालय के अनुसार इंडियन एयरलाइंस से कहा गया है कि वह यात्रियों की बढती मांग को देखते हुए यूक्रेन के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ाए। इसके लिए नागर विमानन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय मिलकर सभी जरूरी व्यवस्थाएं कर रहे हैं।
दरअसल, कोरोना महामारी के चलते अंतरराष्ट्रीय उड़ानें पूरी तरह शुरू नहीं हुई हैं। वर्तमान में जो उड़ानें संचालित की जा रही हैं, वे बायो बबल एग्रीमेंट के तहत उड़ रही हैं। इससे उड़ानों की संख्या सीमित हो गई है।
यूक्रेन में फंसे हैं लगभग 18 हजार भारतीय छात्र
गौरतलब है कि यूक्रेन में करीब 18 हजार भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। इनमें ज्यादातर वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। यूक्रेन में फंसे भातीयों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई थी। उन्होंने कीव स्थित भारतीय दूतावास से फ्लाइट्स न मिलने की शिकायत की थी। केंद्र सरकार ने इन्हीं शिकायतों को ध्यान में रखते हुए सभी उड़ानों पर प्रतिबंध हटाने का फैसला किया।
केंद्र ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर, कंट्रोल रूम स्थापित
इस बीच केंद्र सरकार ने यूक्रेन में रह रहे भारतीयों को संयम बरतने की सलाह दी है। भारतीय दूतावास ने नागरिकों से अपील की है कि वो घबराएं नहीं। जो लोग भारत वापस जाना चाहते हैं, उन्हें कमर्शियल फ्लाइट में टिकट लेने की सलाह भी दी गई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि यूक्रेन की स्थिति को देखते हुए नई दिल्ली और कीव में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर और ईमेल जारी किया गया है, जिस पर 24 घंटे संपर्क किया ज सकता है।
दिल्ली में स्थापित कंट्रोल रूम का विवरण
फोन नंबर – 1800118797 (Toll free), +91-11-23012113, +91-11-23014104, +91-11-23017905
फैक्स – +91-11-23088124
ईमेल – situationroom@mea.gov.in
कीव में स्थापित कंट्रोल रूम का विवरण
फोन नंबर – +380 997300428, +380 997300483
ईमेल – cons1.kyiv@mea.gov.in
रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से चल रहा है विवाद
उल्लेखनीय है कि रूस और यूक्रेन के बीच लंबे वक्त से विवाद चल रहा है। दरअसल, यूक्रेन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में शामिल होना चाहता है, लेकिन रूस ऐसा नहीं चाहता। रूस को लगता है कि यूक्रेन यदि नाटो में शामिल हुआ तो नाटो के सैनिक और ठिकाने उसकी सीमा के पास आकर खड़े हो जाएंगे।
हालांकि, नाटो ने ऐसा नहीं होने का भरोसा दिलाया है। इसी क्रम में रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास एक लाख से ज्यादा सैनिक और हथियार तैनात कर दिए हैं। दोनों देशों के बीच ताजा विवाद को नाटो से जोड़कर देखा जा रहा है। इससे पहले 2014 में भी दोनों देशों के बीच संघर्ष हुआ था और उस वक्त रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था।