नई दिल्ली, 31 अगस्त। जी20 शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तैयारी जोरों पर है। कई देशों के नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि वे भारत आ रहे हैं। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही साफ कर चुके हैं कि वह 8-10 सितम्बर के बीच आयोजित जी20 समिट के लिए भारत नहीं आ सकते। अब खबर है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। जिनपिंग आखिरी बार 2019 में भारत आए थे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका मल्लपुरम में स्वागत किया था।
चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की जगह चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग के भारत आने की उम्मीद है। अभी चीन की तरफ से आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस बात की चर्चा है कि शी जिनपिंग खुद भारत नहीं आना चाहते। वह कोशिश में हैं कि प्रीमियर ली कियांग को अपनी जगह समिट में भेजें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक रूप से हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में बातचीत हुई थी। दोनों नेताओं ने सीमा के मसले पर चर्चा की थी।
पीएम मोदी ने जिनपिंग को साफ किया था कि सीमा शांति कायम की जाए। शी जिनपिंग पीएम मोदी के साथ बात करते नजर आए थे। दोनों नेताओं के बीच आधिकारिक रूप से बातचीत होने की उम्मीद थी। चीन ने इसके लिए अप्रोच भी किया था, लेकिन भारत ने हामी नहीं भरी। हालांकि, अभी साफ नहीं है कि शी जिनपिंग भारत आने से क्यों कतरा रहे हैं।
30 से ज्यादा देश जी20 शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल
दिल्ली में आयोजित होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडे, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानममंत्री ऋषि सुनक, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज भारत दौरे पर आ रहे हैं। जी20 समिट में 30 से ज्यादा देशों ने हिस्सा लेने के लिए हामी भरी है। इनमें 20 सदस्य देश शामिल होंगे। इनके अलावा मिस्र समेत कई अन्य देशों को शिखर सम्मेलन में गेस्ट के तौर पर बुलाया गया है।