नई दिल्ली, 10 दिसंबर। भारतीय सेना के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 11 अन्य सैन्यकर्मियों के हेलीकॉप्टर हादसे में मौत से एक ओर जहां पूरा देश शोकाकुल है वहीं दूसरी तरफ चीन इस त्रासदी को लेकर भी राजनीति करने से बाज नहीं आया।
सेना के आधुनिकीकरण को भी तगड़ा झटका : ग्लोबल टाइम्स
चीनी सरकार के मुख पत्र कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर क्रैश में हुई मौत को भारतीय सेना की खामी करार दिया है। अखबार में चीनी विश्लेषकों के हवाले से प्रकाशित एक लेख में जनरल रावत को ‘चीन विरोधी’ करार दिया गया और यह भी कहा गया कि उनकी मौत से सेना के आधुनिकीकरण को भी तगड़ा झटका लगा है।
समाचारपत्र ने लिखा, ‘हेलीकॉप्टर दुर्घटना में भारत के रक्षा प्रमुख की मौत ने न केवल भारतीय सेना के अनुशासन और युद्ध की तैयारियों की कमी को उजागर किया है, बल्कि देश के सैन्य आधुनिकीकरण को भी भारी झटका दिया है, जिससे भारत लंबे समय तक नहीं उबर पाएगा।’
चीनी विश्लेषकों का मत – चीन विरोधी थे जनरल रावत
चीनी विश्लेषकों ने जनरल रावत को चीन विरोधी करार देते हुए कहा है कि चीन विरोधी शीर्ष रक्षा अधिकारी के निधन के बावजूद भी भारत-चीन के सीमावर्ती इलाकों में चीन के प्रति भारत के आक्रामक रुख में बदलाव की कोई संभावना नहीं है।
हेलीकॉप्टर क्रैश ‘मानवीय गलती‘
ग्लोबल टाइम्स ने जनरल रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश को मानवीय भूल बताते हुए लिखा है कि Mi-17V-5 रूसी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल व्यापक रूप से कई देशों द्वारा होता है। दुर्घटना के सभी संभावित कारण रूसी हेलीकॉप्टर के बजाय मानवीय कारकों की ओर इशारा करते हैं।
भारतीय सेना को बताया ‘अनुशासनहीन‘
अखबार ने एक अज्ञात चीनी सैन्य विशेषज्ञ का हवाला देते हुए लिखा, ‘भारत को एक ढीली और अनुशासनहीन सैन्य संस्कृति के लिए जाना जाता है। भारतीय सैनिक अक्सर मानक संचालन प्रक्रियाओं और नियमों का पालन नहीं करते हैं।’
चीनी आक्रामकता के खिलाफ मुखर रहे थे जनरल रावत
वैसे, इस सचाई से कोई इनकार नहीं कर सकता कि सीडीएस रावत चीनी आक्रामकता के खिलाफ काफी मुखर थे। उन्होंने वर्ष 2017 में दोनों देशों के बीच डोकलाम में जारी विवाद का नेतृत्व किया। 2020 में गलवान में चीनी आक्रामकता का मुकाबला करने में भी जनरल रावत ने अहम भूमिका निभाई थी।