नई दिल्ली, 17 अगस्त। ट्रंप टैरिफ को लेकर भारत व चीन की अमेरिका से चल रही तनातनी के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी सोमवार को अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा पर आने वाले हैं। इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय (MEA) ने रविवार को यह जानकारी दी।
देखा जाए तो पीएम मोदी से वांग यी की मंगलवार को होने वाली यह मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी की चीन की प्रस्तावित यात्रा से कुछ दिन पहले हो रही है।
जयशंकर व डोभाल से अलग-अलग वार्ता करेंगे वांग
प्रधानमंत्री से मुलाकात से पहले वांग विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ अलग-अलग वार्ता करेंगे, जिसमें दोनों पक्ष सीमा की स्थिति, व्यापार और उड़ान सेवाओं की बहाली सहित कई प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं।
चीनी विदेश मंत्री की यात्रा को मोटे तौर पर दोनों पड़ोसियों द्वारा अपने संबंधों को फिर से बनाने के चल रहे प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, जो 2020 में गलवान घाटी में हुई घातक झड़पों के बाद तनावपूर्ण हो गए थे। सूत्रों पर भरोसा करें तो वांग की यात्रा के दौरान दोनों पक्ष अपनी विवादित सीमा पर स्थायी शांति और स्थिरता के लिए नए विश्वास-निर्माण उपायों पर चर्चा कर सकते हैं।
विदेश मंत्रालय ने दी यात्रा की डिटेल
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी विवरण के अनुसार चीनी विदेश मंत्री सोमवार अपराह्न लगभग 4 बजकर 15 मिनट पर नई दिल्ली पहुंचेंगे। वह शाम लगभग छह बजे जयशंकर से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसके बाद वांग और एनएसए डोभाल मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता के एक नए एडिशन की बैठक करेंगे। वांग मंगलवार शाम को ही साढ़े पांच बजे प्रधानमंत्री मोदी से उनके 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात करेंगे।
नए विश्वास-निर्माण उपायों पर विचार की उम्मीद
सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर समग्र स्थिति की समीक्षा के अलावा नए विश्वास-निर्माण उपायों पर विचार-विमर्श किए जाने की उम्मीद है। हालांकि, दोनों पक्षों ने टकराव वाले स्थानों से सैनिकों को हटा लिया है, लेकिन सीमा से अग्रिम पंक्ति के बलों को वापस बुलाकर स्थिति को कम करना अभी बाकी है। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वर्तमान में दोनों पक्षों के लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।

