नई दिल्ली, 13 दिसम्बर। भारत और चीनी सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई झड़प के बाद चीन की ओर से पहली अधिकृत प्रतिक्रिया आई है। ड्रैगन ने मंगलवार को कहा कि भारतीय सैनिकों ने ‘अवैध रूप से’ सीमा पार की और चीनी सैनिकों को ‘अवरुद्ध’ किया, जिससे पिछले सप्ताह एक नया गतिरोध शुरू हो गया। इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि भारत के साथ सीमा पर हालात स्थिर हैं।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने पिछले शुक्रवार को आमना-सामना के बाद पहले आधिकारिक बयान में कहा, ‘जहां तक हम समझते हैं, चीन-भारत सीमा की स्थिति समग्र रूप से स्थिर है। दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमा मुद्दे पर अबाधित संवाद बनाए रखा है।’
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह नौ दिसम्बर को, अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी के पास भारतीय और चीनी सैनिक भिड़ गए थे। इस दौरान हुई मारपीट में दोनों पक्षों को चोटें आई हैं। एक सैन्य सूत्र ने बताया कि तवांग सेक्टर में 200 से अधिक चीनी सैनिक नुकीले क्लबों और लाठियों के साथ भारतीय सैनिकों से भिड़ गए।
एलएसी के साथ यांग्त्से के पास संघर्ष पिछले शुक्रवार को हुआ था। जून 2020 में पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच सीमा गतिरोध के बाद यह पहली घटना है, जहां दोनों देश के सैनिकों के बीच पुनः झड़प हुई।
ताजा झड़प को लेकर भारतीय सेना ने एक बयान में कहा, ‘पीएलए सैनिकों ने तवांग सेक्टर में एलएसी से संपर्क किया, जिसका हमारे (भारतीय) सैनिकों ने दृढ़ता और दृढ़ तरीके से मुकाबला किया। इस आमने-सामने की लड़ाई में दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आईं।’
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया और कहा कि भारतीय सेना ने चीनी पीएलए द्वारा यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति को ‘एकतरफा’ बदलने के प्रयास को बहादुरी से विफल कर दिया। इस झड़प में भारतीय सैनिकों को गंभीर चोटें नहीं आई हैं।