नई दिल्ली, 28 सितम्बर। पूर्वी लद्दाख में कई माह तक उपजे तनावपूर्ण माहौल के बाद अब चीन ने उत्तराखंड के बाराहोती इलाके में चिंतित करने वाली हरकत की है। चीनी फौज के 100 से ज्यादा सैनिक सीमा पार कर भारत में घुस आए और कई आधारभूत ढाचों को नष्ट कर दिया। स्थानीय अधिकारियों ने यह भी जानकारी दी कि वापस भागने से पहले सैनिकों ने एक पुल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
भारतीय सीमा में पांच किमी अंदर तक घुस आए थे चीनी सैनिक
हालांकि गत 30 अगस्त को हुई इस घटना में फेस-ऑफ की स्थिति पैदा नहीं हुई क्योंकि जब तक भारतीय सैनिकों से उनका सामना होता, पीएलए सैनिक वापस जा चुके थे। रक्षा सूत्रों ने बताया कि तुन जुन ला पास पारकर 55 घोड़े और 100 से ज्यादा सैनिक भारतीय क्षेत्र में 5 किमी से ज्यादा अंदर आ गए थे।
चीनी सैनिकों का ग्रुप करीब तीन घंटे तक भारतीय सीमा में रहा
रक्षा अधिकारियों ने पुष्टि की है कि चीनी सैनिक घोड़ों के साथ तुन जुन ला पास पार कर बाराहोती के करीब चारागाह पर आ गए थे। माना जा रहा है कि चीनी सैनिकों का यह ग्रुप करीब तीन घंटे तक भारतीय सीमा में रहा। चूंकि यह इलाका असैन्यीकृत क्षेत्र (जहां सैनिक नहीं होते हैं) है, ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में पीएलए सैनिकों की मौजूदगी सुरक्षा प्रतिष्ठानों के लिए चिंता की बात है।
सूत्रों ने बताया कि स्थानीय लोगों ने इस घुसपैठ की जानकारी दी जिसके बाद आईटीबीपी और सेना की टीम इसकी पुष्टि के लिए वहां फौरन पहुंच गई। हालांकि भारतीय गश्ती दल के पहुंचने से पहले चीनी सैनिक इलाका खालीकर लौट चुके थे।
बाराहोती इलाके में पहले भी होती रही है चीनी घुसपैठ
बाराहोती इलाके में पहले भी चीन की ओर से घुसपैठ की जाती रही है। सितम्बर 2018 में भी ऐसी खबर आई थी कि चीनी सैनिकों ने यहां 3 बार घुसपैठ की थी। 1954 में यह पहला इलाका था, जहां चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की थी और बाद में दूसरे इलाकों पर कब्जा करने की कोशिश हुई और फिर 1962 का का युद्ध हुआ था।
पिछले कुछ माह के दौरान क्षेत्र में पीएलए सैनिकों की गतिविधियां बढ़ीं
इस बीच गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एलएसी को लेकर भारत और चीन की धारणा में अंतर है, जिसके कारण अकसर इस तरह की घटनाएं होती हैं। अधिकारियों का यह भी मानना है कि पिछले कुछ माह में क्षेत्र में पीएलए सैनिकों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘पहले भी पीएलए की ओर से बाराहोती इलाके में घुसपैठ की कई कोशिश की गई है। सेंट्रल सेक्टर में अब अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गई है।’