इस्लामाबाद, 13 दिसम्बर। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में चीनी स्वामित्व वाले एक होटल पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) के हमले के बाद चीन ने अपने नागरिकों को यथाशीघ्र काबुल छोड़ने की सलाह दी है। अफगानिस्तान के तालिबान शासकों के लिए चीन का यह परामर्श बड़ा झटका है क्योंकि प्रशासन अफगान अर्थव्यवस्था को बर्बाद होने से बचाने के लिए विदेशी निवेश आकर्षित करना चाहता है।
तालिबान के प्रतिद्वंद्वी इस्लामिक ने काबुल लॉंगन होटल पर हमले की जिम्मेदारी ली
गौरतलब है कि करीब एक वर्ष पहले तालिबान ने फिर से अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था। तालिबान के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी इस्लामिक ने काबुल लॉंगन होटल पर सोमवार को हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। हमले में तीन हमलावर और इमारत की खिड़की से कूद कर जान बचाने का प्रयास कर रहे कम से कम दो अतिथियों की मौत हो गई।
विस्फोटों और गोलियों की आवाजें भी सुनाई दी
सोशल मीडिया पर उपलब्ध तस्वीरों के अनुसार, शार-ए-नाव में स्थित होटल की 10 मंजिली इमारत से धुएं का गुबार उठता देखा गया। स्थानीय निवासियों के अनुसार, उन्होंने विस्फोटों और गोलियों की आवाजें भी सुनीं।
चीन ने की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने इस हमले को मंगलवार को भीषण प्रकृति का बताया और कहा कि चीन को इससे गहरा आघात पहुंचा है। वांग ने बताया कि चीन ने विस्तृत जांच की मांग की है और तालिबान सरकार से अफगानिस्तान में चीनी नागरिकों, संस्थानों-प्रतिष्ठानों और परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तालिबान सरकार से ठोस कदम उठाने को कहा है। उन्होंने बताया कि काबुल स्थित चीनी दूतावास ने हमले से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए एक टीम भी भेजी है।