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चीन : युवाओं की घटती संख्या और बूढ़ी होती आबादी से सरकार चिंतित, अब तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति

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बीजिंग, 31 मई। दुनिया में सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश चीन युवा पीढ़ी की घटती संख्या और बुजुर्गों की बढ़ती आबादी से विचलित हो उठा है। इसी कारण चीनी सरकार ने सात वर्ष पुरानी अपनी टू-चाइल्ड पॉलिसी को खत्म करने का फैसला लिया है और अब देश में आमजन को तीन बच्चे तक पैदा करने की अनुमति प्रदान कर दी गई है।

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्‍हुआ ने बताया कि देश की बूढ़ी होती आबादी और जनसंख्या बढ़ने की धीमी रफ्तार को देखते हुए चीनी सरकार ने परिवार नियोजन के नियमों में ढील देने का यह फैसला किया है। सोमवार को चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की अध्‍यक्षता में हुई बैठक में यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया।

नए नियम के तहत चीन में अब कोई दम्पति तीन बच्चे तक पैदा कर सकता है। इसके पूर्व चीन ने वर्ष 2014 में पूरे देश एक बच्चे की नीति खत्म कर दो बच्चे पैदा करने की नीति लागू की थी। हालांकि चीन ने टू चाइल्ड पॉलिसी 2009 में ही उन चिह्नित लोगों के लिए लागू कर दी थी, जो अपनी माता-पिता की इकलौती संतान थे।

शिन्हुआ के अनुसार चीन की आबादी 2019 की 1.4 अरब की तुलना में यद्यपि 0.53 प्रतिशत बढ़कर 1.41178 अरब हो गई है। लेकिन इसके अगले वर्ष की शुरुआत से घटने का अनुमान है। सरकार की तरफ से बीते मंगलवार को जारी की गई सातवीं राष्ट्रीय जनसंख्या जनगणना के अनुसार, चीन के सभी 31 प्रांत, स्वायत्त क्षेत्र और नगरपालिका की आबादी 1.41178 अरब थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) के अनुसार, नई जनगणना के आंकड़ों से पता चलता है कि चीन जिस संकट का सामना कर रहा था, उसके और गहराने की उम्मीद है क्योंकि देश में 60 वर्ष से अधिक लोगों की आबादी बढ़कर 26.4 करोड़ हो गई है। एनबीएस ने एक बयान में कहा कि जनसंख्या औसत आयु बढ़ने से दीर्घकालिक संतुलित विकास पर दबाव बढ़ेगा। देश में 89.4 करोड़ लोगों की उम्र 15 से 59 वर्ष के बीच है, जो 2010 की तुलना में 6.79 प्रतिशत कम है।

ज्ञातव्य रहे कि चीनी नेताओं ने जनसंख्या को बढ़ने से रोकने के लिए 1980 से जन्म संबंधी सीमाएं लागू की थीं, लेकिन अब उन्हें इस बात की चिंता है कि देश में कामकाजी आयु वर्ग के लोगों की संख्या तेजी से कम हो रही है और इसके कारण समृद्ध अर्थव्यवस्था बनाने के प्रयास बाधित हो रहे हैं।

दिलचस्प तो यह है दो बच्चों की पॉलिसी लागू होने के बावजूद चीनी दम्पति एक से ज्यादा बच्चे पैदा करने से बचते हैं। देश में व्याप्त महंगाई, छोटे आवास और माताओं के साथ नौकरी में होने वाले भेदभाव इसके प्रमुख कारण हैं।

आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2020 में चीन में सिर्फ 1.20 करोड़ बच्चे पैदा हुए, जबकि वर्ष 2016 में यह आंकड़ा 1.80 करोड़ था। चीन में जन्म दर का वर्ष 1960 के बाद यह सबसे कम आंकड़ा था। अब यह देखना दिलचस्प रहेगा कि चीनी सरकार के इस नए नियम पर आम जनता क्या प्रतिक्रिया देती है।

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