नई दिल्ली, 11 मई। भारत व पाकिस्तान के बीच शनिवार की शाम युद्धविराम पर बनी सहमति के तीन घंटे के अंदर ही पड़ोसियों ने सीजफायर समझौते का उल्लंघन कर दिया तो भारतीय सेना ने भी तनिक भी समय गंवाए बिना मुंहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया। आमने-सामने की इस ताजा सैन्य काररवाई के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने देर रात राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से बात की और नई दिल्ली से स्थिति को और खराब होने से बचाने, शांत और संयम बरतने का आग्रह किया।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार वांग ने हाल ही में किए गए संघर्ष विराम प्रयासों के लिए बीजिंग के समर्थन को दोहराया और कहा कि चीन शांति को सुविधाजनक बनाने में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
वांग यी ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के साथ एक अलग फोन पर बातचीत की, जिसमें उन्होंने किसी भी तरह के तनाव को लेकर बीजिंग की चिंता पर जोर दिया, खासकर दोनों देशों के साथ चीन की साझा सीमाओं के कारण।
युद्धविराम का समर्थन
शिन्हुआ ने वांग के हवाले से कहा कि डोभाल के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ‘चीन, भारत और पाकिस्तान के बीच परामर्श के माध्यम से व्यापक और स्थायी युद्धविराम का समर्थन करता है।’
चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार, ‘डोभाल ने कहा कि भारत को आतंकवाद विरोधी काररवाई करने की आवश्यकता है। युद्ध भारत की पसंद नहीं है और यह किसी भी पक्ष के हित में नहीं है। भारत और पाकिस्तान युद्धविराम के लिए प्रतिबद्ध होंगे और जल्द से जल्द क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बहाल करने की उम्मीद करेंगे।’
पहलगाम हमले की निंदा
समाचार एजेंसी के अनुसार वांग ने गत 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा, ‘चीन पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करता है और आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करता है। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय स्थिति अशांत और परस्पर जुड़ी हुई है। एशियाई क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहुत मुश्किल से हासिल की गई है और इसे संजोकर रखना चाहिए।’
वांग ने कहा कि भारत और पाकिस्तान ऐसे पड़ोसी हैं, जिन्हें अलग नहीं किया जा सकता और दोनों ही चीन के पड़ोसी हैं। चीन आपके इस कथन की सराहना करता है कि युद्ध भारत की पसंद नहीं है और ईमानदारी से उम्मीद करता है कि भारत और पाकिस्तान शांत और संयमित रहेंगे, बातचीत और परामर्श के माध्यम से मतभेदों को ठीक से संभालेंगे और स्थिति को बढ़ने से रोकेंगे।
उन्होंने कहा कि चीन, भारत और पाकिस्तान के बीच परामर्श के माध्यम से एक व्यापक और स्थायी युद्धविराम हासिल करने का समर्थन करता है। यह भारत और पाकिस्तान के मूल हितों में है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आम इच्छा भी है।’

