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मुख्यमंत्री योगी का बड़ा फैसला, अब सभी मंडल मुख्यालय पर बनेंगे दिव्यांग पुनर्वास केंद्र

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लखनऊ, 14 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिव्यांगजनों के समग्र सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर दिव्यांग पुनर्वास केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी दिव्यांगजन ‘सेवा, संवेदना और सम्मान’ के भाव से समाज की मुख्यधारा से वंचित न रहे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन पुनर्वास केंद्रों को इस तरह से विकसित किया जाए, जहां दिव्यांग व्यक्तियों को एक ही स्थान पर चिकित्सकीय, शैक्षिक, मनोवैज्ञानिक और व्यावसायिक सहायता सहजता से मिल सके। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि जिन जिलों में पहले से दिव्यांग पुनर्वास केंद्र संचालित हैं, उनकी सेवाओं को और सशक्त करते हुए मॉडल केंद्रों के रूप में विकसित किया जाए।

वहीं, जहां केंद्र नहीं हैं, वहां उन्हें प्राथमिकता के आधार पर स्थानीय जिला या सरकारी अस्पतालों के परिसर में स्थापित किया जाए, ताकि चिकित्सकीय सुविधाओं के साथ इनका सहज समन्वय बन सके। यदि सरकारी अस्पताल में स्थान पर्याप्त नहीं है, तो अलग भवन की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन केंद्रों में फिजियोथेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी, मनोवैज्ञानिक परामर्श, ऑर्थोटिक व प्रॉस्थेटिक सेवाएं, उपकरण वितरण आदि सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हों।

बैठक में यह जानकारी दी गई कि वर्तमान में प्रदेश के 37 जिलों में दिव्यांग पुनर्वास केंद्र कार्यरत हैं, इनमें 11 मंडल मुख्यालयों पर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन केंद्रों में तकनीकी संसाधन और विशेषज्ञ मानवबल को सुदृढ़ किया जाए। प्रत्येक केंद्र में प्रशिक्षित फिजियोथेरेपिस्ट, क्लिनिकल साइकॉलजिस्ट, प्रॉस्थेटिस्ट, ऑर्थोटिस्ट, स्पीच थैरेपिस्ट और काउंसलर की नियुक्ति सुनिश्चित की जाए।

इसके साथ ही, दिव्यांगजनों के लिए तकनीकी प्रशिक्षण, डिजिटल पंजीकरण और ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाए, ताकि सेवाओं की पारदर्शिता और निगरानी बनी रहे। बैठक में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में केंद्र संचालन समिति के स्वरूप पर भी चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि दिव्यांगजन केवल सहानुभूति के पात्र बनकर न रहें, बल्कि आत्मनिर्भर और योगदानकारी नागरिक के रूप में समाज की मुख्यधारा में शामिल हों। बैठक में पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कुमार कश्यप सहित विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति रही।

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