नई दिल्ली, 21 अप्रैल। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों के लिए नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। नए नियमों के तहत अब 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्ति भी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीद सकते हैं। इससे पहले बीमा कम्पनियों को 65 वर्ष की उम्र तक के व्यक्ति को ही नियमित स्वास्थ्य कवरेज देने की अनुमति थी। नियमों में बदलाव करते हुए हेल्थ पॉलिसी खरीदने के लिए अधिकतम उम्र की शर्त हटा दी गई है।
IRDAI ने अप्रैल 2024 में, स्वास्थ्य बीमा नियमों में अपडेट पेश किया। इसमें पॉलिसीधारकों के लिए प्रतीक्षा अवधि कम करने और दावा निबटान शर्तों में सुधार पर जोर दिया गया है। ये संशोधन सभी नई नीतियों पर लागू किए जाएंगे और नवीनीकरण पर मौजूदा नीतियों पर भी मान्य होंगे।
मोरेटोरियम अवधि 8 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष कर दी गई
पुराने नियमों के हिसाब से मोरेटोरियम अवधि 8 वर्ष थी। यह अवधि आठ वर्ष से घटाकर पांच वर्ष कर दी गई है। मोरेटोरियम अवधि उस अवधि को संदर्भित करती है, जिसके बाद कोई बीमाकर्ता धोखाधड़ी के अलावा अन्य कारणों से आपके दावे को अस्वीकार नहीं कर सकता। अब पांच वर्षों के निरंतर कवरेज (पॉलिसी के बीच पोर्टेबिलिटी और माइग्रेशन सहित) के बाद, बीमाकर्ता गैर-प्रकटीकरण या गलत बयानी के आधार पर आपके दावे का विरोध नहीं कर सकता है।
यदि आपने 5 वर्ष तक प्रीमियम दिया है तो बीमा कम्पनी सेवा देने को बाध्य
यदि कोई पॉलिसीधारक लगातार पांच वर्षों तक स्वास्थ्य पॉलिसी प्रीमियम का भुगतान करता है, तो ऐसी स्थिति में बीमा कम्पनी पॉलिसीधारक के दावे को अस्वीकार नहीं कर सकती क्योंकि उसने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी छिपाई है। आमतौर पर, बीमा कम्पनियां मधुमेह, उच्च रक्तचाप, अस्थमा जैसी पहले से मौजूद स्थितियों के बारे में जानकारी नहीं देने के आधार पर दावों को खारिज कर देती हैं, भले ही पॉलिसीधारक के अस्पताल में भर्ती होने का कारण कोई अन्य कारण हो।
बीमा कम्पनियां न सिर्फ क्लेम खारिज कर देती हैं बल्कि खुलासा न करने का हवाला देकर पॉलिसी भी रद कर देती हैं। लेकिन नए नियमों के हिसाब से यदि आपने पांच वर्ष तक प्रीमियम का भुगतान किया है तो बीमा कम्पनी को आपको सेवा देनी ही होगी।
पहले से मौजूद स्थितियों के लिए प्रतीक्षा अवधि घटाकर अधिकतम 3 वर्ष की गई
नए नियमों के मुताबिक पहले से मौजूद स्थितियों के लिए प्रतीक्षा अवधि को घटाकर अधिकतम तीन वर्ष कर दिया गया है। पहले यह चार साल थी। यह केवल नए पॉलिसीधारकों पर लागू होता है, लेकिन मौजूदा पॉलिसीधारकों को भी इसका लाभ होगा। इसका मतलब यह है कि यदि आपको पहले से कोई बीमारी है तो तीन वर्ष को बाद आपकी ये समस्या भी कवर की जाएगी। आपका बीमाकर्ता चार प्रीमियम की पिछली आवश्यकता के विपरीत, कम से कम तीन प्रीमियम का भुगतान करने के बाद स्थिति से संबंधित अस्पताल में भर्ती दावों को कवर करेगा।