नई दिल्ली, 21 अगस्त। पूरे देश के साथ-साथ दुनियाभर की नजरें इस समय चंद्रयान-3 पर टिकी हुईं हैं। 23 अगस्त की शाम का बेसब्री से इंतजार है, जब चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (LM) चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया है कि लैंडर की बुधवार (23 अगस्त) को शाम छह बजकर चार मिनट पर चांद की सतह पर लैंडिंग की उम्मीद है।
इस बीच सोमवार की शाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने कहा कि यदि स्थितियां प्रतिकूल रहीं तो लैंडर माड्यूल को निर्धारित से चार दिन के विलंब यानी 27 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतारा जाएगा।
नीलेश एम. देसाई ने कहा, ’23 अगस्त को चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने से दो घंटे पहले हम लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा पर स्थितियों के आधार पर ये निर्णय लेंगे कि उस समय इसे उतारना उचित होगा या नहीं। यदि कोई भी कारक अनुकूल नहीं लगता तो हम 27 अगस्त को मॉड्यूल को चंद्रमा पर उतार देंगे। हालांकि कोई समस्या नहीं होनी चाहिए और हम 23 अगस्त को मॉड्यूल को चंद्रमा पर उतारने में सक्षम होंगे।’
चंद्रयान-3 के लैंडर माड्यूल का चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर हआ संपर्क
वहीं इसरो का कहना है कि चंद्रमा के एकदम नजदीक जा पहुंचे चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल का चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से संपर्क हो गया है। इसरो ने बताया कि दोनों के बीच दोतरफा संवाद स्थापित हो गया है। चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने औपचारिक रूप से चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल का स्वागत किया – स्वागत है दोस्त।
Chandrayaan-3 Mission:
‘Welcome, buddy!’
Ch-2 orbiter formally welcomed Ch-3 LM.Two-way communication between the two is established.
MOX has now more routes to reach the LM.
Update: Live telecast of Landing event begins at 17:20 Hrs. IST.#Chandrayaan_3 #Ch3
— ISRO (@isro) August 21, 2023
इसरो ने लैंडर हजार्ड डिटेक्टशन एंड अवॉइडेंस कैमरा (एलएचडीएसी) में कैद की गई चंद्रमा की लूनर फॉर साइड की तस्वीरें भी सोमवार को जारी कीं।
Chandrayaan-3 Mission:
Here are the images of
Lunar far side area
captured by the
Lander Hazard Detection and Avoidance Camera (LHDAC).This camera that assists in locating a safe landing area — without boulders or deep trenches — during the descent is developed by ISRO… pic.twitter.com/rwWhrNFhHB
— ISRO (@isro) August 21, 2023
लैंडर मॉड्यूल को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी है
चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी है, जहां आज तक किसी भी देश का चंद्र मिशन नहीं पहुंच पाया है। इसरो ने इससे पहले 2019 में भी चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने की कोशिश की थी, लेकिन तब चंद्रयान-2 का लैंडर चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करते वक्त क्रैश हो गया था।
भारत के चंद्रयान-3 मिशन के साथ रूस ने भी अपने लूना-25 को चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग के लिए भेजा था। हालांकि, अनियंत्रित कक्षा में घूमने के बाद लूना-25 शनिवार को चंद्रमा से टकराकर क्रैश हो गया। रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कॉसमॉस ने रविवार को इस बात की पुष्टि की थी। ऐसे में अब सबकी नजरें भारत के चंद्रयान-3 पर टिकी हुई हैं।