साल का आखिरी व दूसरा चंद्र ग्रहण चंद्रोदय के साथ शुरू होगा। भारत में यह ग्रहण शाम 05 बजकर 20 मिनट से शुरू होगा। चंद्र ग्रहण का सूतक काल 09 घंटे पूर्व यानी 08 बजकर 20 मिनट से शुरू हो रहा है। चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार, 08 नवंबर को शाम 06 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। ग्रहण का मोक्ष काल शाम 06 बजकर 59 मिनट पर होगा। शास्त्रों में ग्रहण के दौरान कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से शुभता की प्राप्ति होती है। जानें ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं…
- चंद्र ग्रहण काल में न करें ये काम-
1. इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को नहीं करना चाहिए और न ही भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करना चाहिए।
2. ग्रहण के दौरान तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए और सूतक काल में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
3. ग्रहण समाप्त होने के बाद ही भोजन करना चाहिए।
4.गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल के दौरान काटने, छीलने या सिलने की मनाही होती है।
5. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और न ही सोना चाहिए।
6. ग्रहण के दौरान तेल लगाना, कपड़े धोना और ताला खोलना आदि काम नहीं करने चाहिए।
7. ग्रहण के दिन जरूरतमंदों व गरीबों को दान देना चाहिए।
8. शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए और शिवमंत्रों का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहण का कुप्रभाव नहीं पड़ता है।
9. ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर से लेकर अपने पूरे घर को गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए।
10. ग्रहण के दिन पितरों के नाम से भी दान करना चाहिए।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। )