चंडीगढ़, 18 फरवरी। चंडीगढ़ नगर निगम में रविवार की रात नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला, जब धांधली के आरोपों के बीच गत 30 जनवरी को हुए चुनाव में निर्वाचित मेयर भाजपा के मनोज सोनकर ने इस्तीफा दे दिया। सोनकर का यह इस्तीफा सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सोमवार को होने वाली सुनवाई से ठीक पहले आया है।
इस बीच चंडीगढ़ भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद की अगुआई में आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ के पार्षद – पूनम देवी, नेहा मुसावट व गुरचरण काला भाजपा में शामिल हो गए हैं। वहीं, कांग्रेस के दो पार्षद भी भाजपा के संपर्क में हैं।
पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर लगा है चुनाव में फर्जीवाड़े का आरोप
इस बीच सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को होने वाली सुनवाई में पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को भी पेश होना है। मेयर चुनाव में पीठासीन अधिकारी का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह कथित रूप से अवैध करार दिए पार्षदों के वोटों पर निशान लगाते दिखे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी कड़ी फटकार
कांग्रेस और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने गठबंधन में चंडीगढ़ नगर निगम का चुनाव लड़ा था। आम आदमी पार्टी इस धांधली के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को फटकार लगाई और मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी तय कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, ‘चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान जो हुआ, वह लोकतंत्र का मजाक था और कहा कि हम इस तरह लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे।’ सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को अगली सुनवाई की तारीख 19 फरवरी को उपस्थित होने के लिए कहा था।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर तल्ख टिप्पणी करते हुए सुप्रीम ने कहा था, ‘अपने चुनाव अधिकारी से कह दीजिए कि सुप्रीम कोर्ट की आप पर नजर है। हम इस तरह से लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे। इस देश में यदि लोकतंत्र को मजबूत बनाने वाली कोई व्यवस्था है तो वह चुनाव ही है।’