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चंपई सोरेन ने झामुमो से दिया इस्तीफा, बोले – ‘आदिवासियों की पहचान बचाने के लिए भाजपा में जा रहा’

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रांची, 28 अगस्त। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से घर लौटते ही बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। वह 30 अगस्त को भाजपा में शामिल होंगे।

शिबू सोरेन को लिखे पत्र में कहा – यह पार्टी अपनी दिशा भटक गई है

वरिष्ठ आदिवासी नेता 67 वर्षीय चंपई सोरेन ने झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को संबोधित एक पत्र में लिखा कि उन्हें हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि यह अपनी दिशा भटक गई है।

‘मैंने सपने में भी कभी नहीं सोचा था कि मैं पार्टी छोड़ूगा

चंपई सोरेन ने पत्र में कहा, ‘झामुमो मेरे लिए एक परिवार की तरह था और मैंने सपने में भी कभी नहीं सोचा था कि मैं पार्टी छोड़ूगा। लेकिन पिछले कुछ दिनों में कुछ चीजें हुईं, जिससे मुझे बहुत दुख हुआ और मुझे यह कठिन कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा। मैं झारखंड के आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और आम लोगों के मुद्दों पर लड़ाई लड़ता रहूंगा।’

इससे पहले चंपई सोरेन ने 27 अगस्त को घोषणा की थी कि वह संथाल परगना क्षेत्र में आदिवासियों की पहचान बचाने के लिए भाजपा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के अलावा कोई अन्य राजनीतिक दल इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है क्योंकि उन्हें केवल वोटों की परवाह है।

सीएम हेमंत सोरेन को भी पत्र के जरिए भेजी मंत्री पद से इस्तीफे की सूचना

कोल्हान टाईगर के नाम से मशहूर चंपई सोरेन के करीबी सूत्रों के अनुसार उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर विधानसभा की सदस्यता से भी अपने इस्तीफे की जानकारी दी। उन्होंने मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया है और इसकी सूचना एक अन्य पत्र के जरिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेज दी गई है।

बोले – बांग्लादेशी घुसपैठ बन चुकी है झारखंड की एक बड़ी समस्या

सीएम हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में चंपई सोरेन ने लिखा कि बाबा तिलका मांझी और सिदो-कान्हू की पवित्र भूमि संथाल परगना में आज बांग्लादेशी घुसपैठ एक बड़ी समस्या बन गई है। हकीकत यह है कि ये घुसपैठिए उन वीरों के वंशजों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं, जिन्होंने जल, जंगल और जमीन की लड़ाई में कभी विदेशी अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की।

इस मुद्दे पर सिर्फ भाजपा ही गंभीर नजर आ रही

चंपई सोरेन ने कहा, ‘बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण फूल-झानो जैसी वीरांगनाओं को अपना आदर्श मानने वाली हमारी मां-बहनों और बेटियों की इज्जत खतरे में है। इस मुद्दे पर सिर्फ भाजपा ही गंभीर नजर आ रही है और बाकी पार्टियां वोटों की खातिर इसे नजरअंदाज कर रही हैं, इसलिए आदिवासियों की अस्मिता और अस्तित्व को बचाने के इस संघर्ष में मैंने पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में आस्था व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का फैसला किया है।’

उल्लेखनीय है कि जमीन घोटाला केस में इसी वर्ष 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किए जाने के बाद चंपई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन झारखंड हाई कोर्ट से हेमंत सोरेन को जमानत मिलने के बाद चंपई सोरेन ने तीन जुलाई को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।