नई दिल्ली, 10 मार्च। कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्यसभा के सभापति सभी के लिए ‘अंपायर और रेफरी’ होते हैं, लेकिन वह सत्तापक्ष के ‘चीयरलीडर’ नहीं हो सकते। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि धनखड़ की टिप्पणियां निराशाजनक हैं। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति को पूर्वाग्रह और किसी दल के प्रति झुकाव से मुक्त होना चाहिए।
दरसअल उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की परोक्ष रूप से आलोचना करते हुए कहा कि विदेशी धरती से यह कहना मिथ्या प्रचार और देश का अपमान है कि भारतीय संसद में माइक बंद कर दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जब भारत के पास अभी ‘जी 20’ की अध्यक्षता करने का गौरवशाली क्षण है, तो ऐसे समय में एक सांसद द्वारा भारतीय लोकतंत्र और संवैधानिक इकाइयों की छवि धूमिल किए जाने को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
- 12 सदस्यों को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गुरुवार रात जारी एक बयान में कहा कि कुछ ऐसे पद होते हैं जहां हमें अपने पूर्वाग्रह, पार्टी के प्रति झुकाव से मुक्त होना पड़ता है। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का पद भी इसमें शामिल है। जयराम के अनुसार, राहुल गांधी के बारे में उपराष्ट्रपति का बयान हैरान करने वाला है तथा उन्होंने सरकार का बचाव किया जो निराशाजनक है। रमेश ने कहा कि पिछले दो सप्ताह में संसद के 12 सदस्यों को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया, क्योंकि उन्होंने संसद के भीतर अपनी आवाज दबाए जाने का विरोध किया था।