नई दिल्ली, 28 जून। टीकाकरण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण के चलते सामने आईं तमाम दिक्कतों के बाद केंद्र सरकार ने अब सर्वोच्च न्यायालय को बताया है कि अब कोविन एप पर पहले से पंजीकरण कराना अनिवार्य नहीं है। लोग सीधे टीकाकरण केंद्र जाकर वहां पंजीकरण के बाद टीका लगवा सकते हैं।
अब तक 27.3 फीसदी लोगों को लगी है पहली डोज
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे में कहा है कि इस वर्ष के अंत तक 18 वर्ष से ऊपर के कुल 93-94 करोड़ लोगों को कोविड टीका लगाने के लिए 186 से लेकर 188 करोड़ डोज की जरूरत है। 31 जुलाई तक कुल 51.6 करोड़ वैक्सीन डोज का खाका तैयार है। अगस्त से लेकर दिसंबर के बीच 135 करोड़ डोज की व्यवस्था की जाएगी।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के 44.2 फीसदी लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 13 फीसदी लोगों को पहली डोज लगी है। अब तक वैक्सीन योग्य लोगों में 27.3 फीसदी को पहली डोज लगी है।
शीर्ष अदालत ने वैक्सिनेशन नीति पर उठाया था सवाल
ज्ञातव्य है कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए कोविड 19 वैक्सिनेशन नीति को मनमाना और तर्कहीन बताया था। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह बताए कि अब तक वैक्सिनेशन के लिए कितनी वैक्सीन किस कम्पनी से कब-कब खरीदी और बचे लोगों को कब तक वैक्सीन लग जाएगी।
डिजिटल डिवाइस के कारण वैक्सिनेशन में कोई अड़चन नहीं
केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा है कि डिजिटल डिवाइस या इंटरनेट या अन्य तरह से वैक्सिनेशन की उपलब्धता में कोई अड़चन नहीं है। ऑनलाइन पंजीकरण या सेल्फ रजिस्ट्रेशन और को-विन पर बुकिंग अपाइंटमेंट भी अनिवार्य नहीं है। वैक्सीन के लिए इन चीजों की अनिवार्यता नहीं है।
यदि कोई शख्स ऐसा है, जिनके पास इंटरनेट नहीं है या फिर डिजिटल डिवाइस नहीं है अथवा फिर वह सेल्फ रजिस्ट्रेशन नहीं कराना चाहता और वैक्सीन लेना चाहता है तो वह सीधे वैक्सिनेशन सेंटर जाए और वहां हेल्थ वर्कर उसका रजिस्ट्रेशन करंगे। यह रजिस्ट्रेशन कोविन प्लेटफर्म पर टीककरण केंद्र पर ही होगा और फिर उस शख्स को वैक्सीन लगा दी जाएगी। गत 23 मई के सर्कुलर में वॉक इन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है।
केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि 23 जून तक 32.22 करोड़ लोग कोविन पर रजिस्टर्ड हो चुके थे और इनमें 19.13 करोड़ मौके पर रजिस्टर्ड हुए हैं। यानी 59 फीसदी लोग नॉन डिजिटल तरीके से रजिस्टर्ड हुए हैं।